Yog Guru Baba Ramdev Ki Jivani
स्वामी रामदेव जी का देश के लिए योगदान;- 10 करोड़ से भी ज्यादा भारतीयों को योग सिखाकर स्वस्थ किया। पतंजलि जैसी विश्वस्तरिय स्वदेशी कंपनी बनाकर, करोड़ो भारतीयों को मिलावट के जहर से बचाया। और देश में हो रही बहुत सारी गलत गतिविधियों को खत्म किया।
जन्म तिथि- 26 दिसम्बर 1965
जन्म स्थान – जिला- महेंद्रगढ़, हरियाणा।
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धर्म – हिंदू
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लोकप्रियता और उपाधि – योगगुरु, स्वदेशी के समर्थक, देशभक्त, समाजसेवी, वर्तमान ऋषि।
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भाषा ज्ञान – हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत,
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लक्ष्य – योग को पूरे विश्व में फैलाना। भारतीय संस्कृति, आयुर्वेद को दुनिया के हर कोने में पहुँचाना और भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना।
स्वामी रामदेव जी का बचपन और शुरुआती जीवनी (baba ramdev life story in hindi)
स्वामी रामदेव का जन्म भारत के छोटे से गाँव में अनपढ़ माता- पिता के घर में हुआ। उनके शुरुआत के 30 साल का जीवन सफर बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा। लेकिन आज अपने अच्छे कर्मो से रामदेव भारत में ही नही दुनिया का का एक प्रसिद्ध नाम हैं। हर साल भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगो की सूची में उनका नाम आता हैं। बचपन में उन्होंने अपने आप से सवाल पूछा – ” मैं क्या चाहता हूँ और क्या नही? तब वो अपने आप को जानने के लिए शिक्षा लेने के लिए खानपुर गुरुकुल चले गये। बचपन में रामदेव जी भी सभी गाँव के बच्चों की तरह खेलकूद करते थे। लेकिन बाबा जी कहते हैं, जैसे- जैसे मै बड़ा हुआ, मेरी पसंद बदल गई। फिर मुझे योगाभ्यास ही करना अच्छा लगा। रामदेव जी अपने सुखद अनुभवों के आधार पर कहते हैं;- पहले तो मुझे ऐसा लगा, मानो जिंदगी से मैं सिर्फ ‘ सुख’ ही चाहता हूँ, पर बाद में, जब मेरे पैरों में फोड़ा हुआ, मेरा शरीर लकवाग्रस्त हुआ या जब कभी मै किसी काम में असफल हुआ, तब मेरा सामना ‘दुःख’ से भी हुआ। तब मैंने अनुभव किया की ‘दुख’ मुझे जरा भी पसंद नही। साथ ही साथ , दूसरा अनुभव यह भी किया, दुखी होने पर ‘सुख’ पाने की मेरी इच्छा घट गई। जबकि दुख दूर करने की इच्छा बढ़ गई।
स्वामी रामदेव एक संघर्ष (baba ramdev struggle)
स्वामीजी महाराज ने खेती-बाड़ी, हल चलाना और गोबर उठाने से लेकर हर वह शुभ काम किया हैं, जो इस देश का अन्तिम आदमी करता हैं। जमीन पर दरी बिछाकर सोना तथा 18 वर्षो से बिना भोजन (अन्न) के मात्र 1 गिलास दूध व अल्प फलाहार पर रहकर हर दिन 18 से 20 घण्टे देश की सेवा स्वामीजी की दिनचर्या हैं। 11 वर्ष की आयु से लेकर अबतक 1 दिन भी विश्राम किये बिना हर पल देश की सेवा आराधना में मानव जीवन लगा रहे हैं। 11 लाख किलोमीटर से अधिक देशभर में यात्रा करके व 11 करोड़ से अधिक लोगों सीधे रूप से शिविर और सभाये करके देशवासियों के दुख दर्द व समस्याओं को नजदीक से जाना और अनुभव किया। रामदेव जी ने अपने पतंजलि योगपीठ के योग शिविर व्याख्यान में प्रेरणादायक स्पीच दी थी जिसमें बाबा जी ने कहा मैंने आजतक टीवी नही देखी ना ही कोई अखबार पढ़ा और न ही किसी को देखा इसलिए आज पूरी दुनिया मुझे देखती है। रामदेव अकेले आज वर्तमान में मेडिकल माफिया और अंग्रेजी दवाओं के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनके सहयोगी स्वदेशी के जनक राजीव दीक्षित जी के विदेशी कंपनियों द्वारा षड्यंत्र से मौत हो जाने पर स्वामी रामदेव जी को बहुत नुकसान हुआ वरना आज राजीव दीक्षित जी, आचार्य बालकृष्ण जी वह रामदेव जी मिलकर पतंजलि को भारत के घर-घर तक पहुचाते और आज हर घर शुद्ध भारतीय पुराने जमाने की चीजें होती। इससे हमारा देश फिर से विश्व गुरु – सोने की चिड़िया बन जाता जो अंग्रेजो के आने से पहले था।
पतंजलि योगपीठ हरिद्वार की 4 अनसुनी बातें
1. इस योगपीठ के मालिक स्वामी रामदेव जी हैं। 5 जनवरी, 1995 को मात्र 50 रुपये के दान से पतंजलि योगपीठ का योग, आयुर्वेद, व स्वदेशी की सेवा का यह काम लगभग एक एकड़ भूमि पर कनखल हरिद्वार में प्रारंभ हुआ। |
योगपीठ फेस-2 जरूर जाये। आपका मानव जीवन सफल हो जायेंगा, बहुत सारी अद्भूत चीजे देखने को मिलेंगी।
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स्वामी रामदेव जी से सीखें सफलता के नियम
1.सुख – प्राप्ति की इच्छा से कही ज्यादा प्रबल होती हैं, दुःख से मुक्ति की इच्छा।
उपलब्धियां और सम्मान (baba ramdev achievements & Awards)
1.) जून 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के निमंत्रण पर न्यूयॉर्क शहर ( अमेरिका ) में ‘स्टेण्डअप प्रोग्राम’ के तहत विश्व की जनता से ‘गरीबी हटाओ’ का आह्वान किया।
2.) न्यू जर्सी की सेनेट व जनरल असेंबली द्वारा स्वामी जी का सम्मान किया गया।
3.) ब्रिटिश संसद के ” हाउस ऑफ कॉमन्स’ में सम्मान किया गया।
4.) आईआईटी भुवनेश्वर द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गयी।
5.) राष्ट्रीय संस्कृत यूनिवर्सिटी, तिरुपति, द्वारा महामहोपध्याय की उपाधि से सम्मानित किया गया।
6.) एसोचैम द्वारा ” ग्लोबल नॉलेज मिलेनियम ऑनर” का सम्मान दिया गया।
7.) पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, पंतजलि रिसर्च फाउंडेशन, पतंजलि ग्रामोद्योग व दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट आदि संस्थाओं के स्वामी रामदेव जी संस्थापक व अध्यक्ष हैं। पंतजलि विश्वविद्यालय के स्वामी जी कुलाधिपति हैं।
8.) स्वामी जी को देश के 4 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की हैं।
9.) स्वामी रामदेव पर एक बायोपिक टेलीविजन धारावाहिक फ़िल्म भी बनी हैं। जो डिस्कवरी जीत टीवी चेनल पर दिखाई गई। फ़िल्म का नाम हैं- ” स्वामी रामदेव – एक संघर्ष।
पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के कुछ कथन (swami ramdev quotes in hindi)
● किसान भारत माता की आत्मा है, जब किसान धनवान बनेंगे तभी देश की जय-जयकार होंगी।
भारत माता की सेवा में कार्य (india biggest contributor baba ramdev)
● योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, कुदरती खेती, स्वदेशी एंव शिक्षा के अनेक क्षेत्रों में लगभग 30 लोगो को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला। तथा 1 करोड़ किसान, मजदूर व अन्य लोगो को रोजगार व स्वावलम्बन मिला।
Swami Ramdev Quotes in Hindi
योगगुरु स्वामी रामदेव के नीचे लिखित सदवाक्य शत प्रतिशत आपको अपने जीवन-सफर में आगे ले जाने के लिए पूरा साथ देंगे। स्वामी रामदेव के यह कोट्स जो मैने पिछले पांच साल से उनके मुख से सूने वो इस पोस्ट में आपके साथ साझा कर रहा हूँ। स्वामी जी ने भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति योग को आज पूरी दुनिया में फैला दिया हैं। उनके जीवन- संघर्ष से हर भारतीय को कुछ सीखना चाहिए।
स्वामी रामदेव पूरा जीवन योगमय (swami ramdev Yoga quotes in hindi)
1. योगी नही, भोगी नही, योगी बनो।
2. व्यायामपरक आसन शरीर को लचक, मजबूती, सुड़ौलता, सक्रियता, शुद्धता और स्वास्थ्य देते हैं।
हर भारतीय प्रतिदिन योगाभ्यास करने व करवाने का व्रत ले। योग ही रोगमुक्त, दवामुक्त, नशामुक्त, व्यसनमुक्त व तनावमुक्त दिव्य जीवन का मूल हैं।
5. भ्रामरी प्राणायाम से मन शांत होता हैं, दिमाग का मेमोरी पावर तेज होता हैं। ओम उच्चारण मन करें, कंठ से आवाज निकलनी चाहिये।
6. सर्वागाआसन – सभी अंगों का आसान है। प्रतिदिन करनें से आंखों की रोशनी बढ़ती हैं।
7. अनुलोम- विलोम प्राणायाम के लगातार अभ्यास से आप हर बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। शरीर की प्राणऊर्जा बढ़ जाती हैं।
उदगीत प्राणायाम (ॐ ऊँचारण ) शरीर के सभी रोग खत्म, तनाव दूर हो जाता हैं, वैज्ञानिकों ने रिसर्च के आधार पर कहा हैं, ओम उच्चारण से 12 प्रकार की बीमारियां खत्म होती हैं।
बाबा रामदेव जी केे Motivation Quotes (Baba Ramdev Motivational Speech In Hindi)
1. मेरे सभी प्रिय देशवासियों – ये मेरी जिंदगी, यूँ तो आज भी किसी से अलग नही, कही फर्क है, तो सिर्फ ‘ज्ञान’ का।
“ज्ञान यानि शास्त्रों की जानकारी, उसका व्यवहारिक अनुभव या बोध। शास्त्रों का यही ज्ञान, जब मुझे गुरुजनों के श्रीमुख से मिला, तो आचरण में लाने पर वही ज्ञान मेरे दिव्य-जीवन का निर्माता बन गया।
2. इस आध्यात्मिक और इस सम्मत ज्ञान ने ही मुझे ब्रह्मचारी से सन्यासी बनाया, इसी ज्ञान ने आज मुझे एक आदर्श के रूप में इस संसार में स्थापित कराया। ये ज्ञान ही तो हैं, जिसने मेरा सारा जीवन ही बदल दिया।
3. मुझे आज भी याद है, बचपन के वो सुहाने दिन, वो मेरा गांव, तालाब में तैरने का वो आनंद, सब याद हैं, मुझे।
लेकिन जब मैं कुछ बड़ा हुआ, तो मेरी ये पसंद बदल गई। तब मन में न तो वो गांव रहा, न ही कोई बगीचा, न ही कोई खेल। मुझे बस पढ़ना और योगभ्यास करना ही अच्छा लगने लगा। इसलिए मै जा पहुंचा खानपुर गुरुकुल।
अगर आपका इरादा नेक हैं, तो जमकर मेहनत करो, आपके लक्ष्य पूरा होंगा।
5. देश का युवा आत्मनिर्भर बने, और गलत विचारों और गलत कामो से बचे।
योग गुरु रामदेव के अनसुने सफलता सूत्र (baba ramdev success quotations in hindi)
एक बार भी गलत काम मत करो, क्योंकी अगर उस गलत चीज की लत लग गई, तो आपका पुरा जीवन बर्बाद होंगा।
● योग, आयुर्वेद, स्वदेशी, शिक्षा व संस्कारो के द्वारा निष्काम सेवा के द्वारा मैं अपने जीवन व जगत को पुण्यो से प्रकाशित करूंगा।
● जीवन में वाणी, व्यवहार, व विचारों के दोषों को दूर करने के लिए तथा जीवन पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिदिन शाम को आँख बंद कर आत्म निरक्षण करें।
● किसी काम में जब स्वार्थ हो, तो उससे प्राप्त हुआ अर्थ-अनर्थ का कारक बनता हैं।
● सभी लक्ष्यों की प्राप्ति का प्रथम आधार आरोग्य। और आरोग्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं।
● प्रतिदिन जीवन उपयोग में आने वाली स्वदेशी वस्तुओं के ही प्रयोग का व्रत ले। स्वदेशी मात्र कोई वस्तु नही, यह तो ईश्वरीय न्याय, बहुत विराट व गंभीर जीवन का दर्शन हैं।
● स्वदेशी- भाषा, वेशभूषा, भजन ये मात्र भावना या स्वार्थ पर टिका एक दर्शन नही, ये तो देश के सम्पूर्ण गौरवशाली विकास का व समृद्धि का मूल हैं।
● हमारे पास शरीर, मन, वाणी, पद के रूप में जो भी मिला हैं।, वह सब भगवान या देश की सेवा में समर्पित कर देना, क्योंकी जो भी हमें मिला हैं, हमारे पास हैं, सब भगवान और देश से ही तो मिला हैं।
● सामर्थ्य का भोग करने से हमारे पुण्य खत्म हो जाते हैं।
सामर्थ्य सेवा में लगाने से हमारे पुण्य बढ़ जाते हैं। यही हमारी संस्कृति और परम्परा हैं। जो व्यक्ति ऐसा जीवन जीता हैं। उसका जीवन दिव्य, महान, यशश्वी और सर्वलोकहितकारी बन जाता हैं।
बाबा रामदेव जी के 15 स्वास्थ्य घरेलू उपचार (ramdev baba ke gharelu nuskhe)
1. कील-मुहासों के लिए- पानी ज्यादा पीयें, नीम के पत्ते 3-3 सुबह-शाम खाये, मिर्च-मसाला एंव गर्म चीजें कम खाये।
2. कब्ज व पेट रोगों में उपयोगी आहार- अमरूद, पपीता, गाजर, सेब, दूधी, मुन्नका, अंजीर एंव सभी हरी सब्जियां।
3. बवासीर रोग- खाली पेट गाय के एक कप ठंडे दूध में एक नीम्बू निचोड़कर तुरन्त पीयें।
4. पीलिया – बड़ी दूधी ( लौकी ) को घिसकर पीने से पीलिया रोग शांत हो जाता हैं।
5. सिर में भारीपन तथा सिरदर्द – बादाम का तेल व गाय का घी थोड़ा सा गुनगुना करके 5-5 बूँद नाक में सुबह खाली पेट तथा सायंकाल सोते समय डालने से सिरदर्द में लाभ मिलता हैं।
6. मधुमेह का उपचार- नीम के 7 पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर अथवा पीसकर पानी के साथ लेने से मधुमेह में आराम मिलता हैं।
7. नहाने के पानी में नीम्बू का रस मिलाकर नहाने से शरीर की दुर्गन्ध दूर होती हैं।
8. नहाने से पहले दोनों पैरो के अंगूठो में सरसो का शुद्ध तेल मलने से वृद्धावस्था तक नेत्रों की ज्योति कमजोर नही होती। प्रातःकाल नंगे पाव हरी घास पर चलने से आँखों की रोशनी बढ़ती हैं।
9. अंकुरित अन्न, फलो और दलिये को भोजन का हिस्सा बनाये। भोजन के बाद 5 मिनट वज्रासन करने से पाचन तंत्र अच्छा होता हे।
10. हमेशा कमर सीधी रखकर बैठे। जमीन बिना दीवार के सहारे बैठे।
11. भोजन के तुरंत बाद आइसक्रीम न खायें। खाने के तुरंत बाद न लेटे।
12. सांस हमेशा नाक से छोड़े। मुख से सांस नही लेना चाहिए।
13. शरीर की शुद्धि के लिए सप्ताह में एक दिन बिना कुछ खाये सिर्फ पानी पीकर व्रत जरूर करें।
14. नशीले पर्दाथों के सेवन से तन, मन, धन, धर्म और आत्मा की हानि तथा अपनी और परिवार की बदनामी होती हैं।
15. प्रसन्नता स्वास्थ्य की सबसे बडी चाबी हैं।
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