स्वस्थ रहने के 15 नियम | How to achieve health goals in Hindi?

Swasth Rahne Ke 15 Niyam?

जब बात आती है प्राचीन भारत की, तो हम सबके मन में योग, आयुर्वेद और ऋषि-मुनियों के चित्र मस्तिष्क में चलने लगते हैं। मैं अपने देश भारत एंव सनातन धर्म के प्रति कृतज्ञ हूँ, क्योंकि इन दोनों ने मुझे और करोड़ो भारतवासियों को मुफ्त में अमूल्य ज्ञान व महापुरुष दिए है। वैदिक काल में हमारे सभी ऋषि और साधु-संत कुछ ऐसी बातें जानते थे, जिसके कारण वे जीवनभर रोगमुक्त रहते थे।  हमारे प्राचीन वैद्य, नाड़ी परीक्षण और जीभ देखकर ये पता लगा देते थे की आपको कौनसा रोग है। भारत के पास हजारों हर्बल जड़ी-बूटियां है जिनको हमारे पूर्वजो (ऋषियों) ने किसी एक देश के लिए नही अपितु सबके लिए उपलब्ध करवाया अपने ग्रंथो एंव शास्त्रो के द्वारा। जिनका ज्ञान आप आज इस अमूल्य लेख में पढेंगे।

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योगासन Asana

वर्तमान में जब से योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। योग के बारे में बच्चा-बच्चा जानता है।  योग करने से आपके स्वास्थ्य के साथ आपकी प्रोफेशनल लाइफ भी अच्छी हो जाती है। प्रतिदिन एक घण्टा योगासन करने से आपके शरीर के अंदर पूरे दिन ताजगी रहती है। सबसे अच्छा योगासन सूर्यनमस्कार है।

 प्राणायाम Pranayama 

प्राणायाम भारत के ऋषियों द्वारा निर्मित एक शक्तिशाली विद्या है। जिसको सीखकर आप अपना स्वास्थ्य लक्ष्य (Health Goal) हासिल कर सकते हैं। प्राणायाम के कई प्रकार एंव महत्व है। बात करें हेल्थ की तो, सबसे प्रभावशाली प्राणायाम अनुलोम विलोम और कपालभाति है। 

आयुर्वेद के नियम Ayurveda Rules

आयुर्वेद के नियमों का पालन करने मात्र से आप दवामुक्त और रोगमुक्त जीवन जी सकते हैं। लेकिन सवाल फिर उठता है की आयुर्वेद के नियम कितने है? इसका सटीक उत्तर किसी के पास नही है क्योंकी इसका जवाब आपको आयुर्वेद के सभी ग्रंथ पढ़ने के बाद ही प्राप्त होंगा। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण नियमों को मैं बता सकता हूँ जैसे;
१. नीचे बैठकर पानी पीना
२. भोजन करने के एक घण्टे बाद पानी पीना
३. सूर्यास्त के बाद भोजन नही करें।
४. मल-मूत्र के वेग को ना रोके।
५. भूख से ज्यादा भोजन ना खाए।

यज्ञ चिकित्सा Yagya and Homa 

होम, यज्ञ, हवन तीनों नाम अलग-अलग है लेकिन मतलब एक ही है। इस उपबिन्दु को लिखते समय मुझे महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश‘ की एक बात याद आ गई। जिसको दयानंद जी ने प्रचार करने को कहा था। मेरा सौभाग्य है की आज इसका फायदा आपको भी मिलेगा, यदि आप इस ज्ञान को सीखने के बाद इस पर एक्शन लेते है!!

” आर्यावर्त (भारत) देश में राजा, महाराजा, ऋषि, महर्षि, सभी लोग होम (यज्ञ) करते और करवाते थे। इसका परिणाम था की पूरा देश रोगमुक्त था और सुखी था। अब भी हवन का प्रचार हो, तो फिर से वैसा हो जावे।

 

सुबह जल्दी नहाना

सुबह जल्दी नहाने के फायदे By Default सबको मालूम है। लेकिन नहाने का सही समय क्या है? एक लाइन में इसका सटीक उत्तर दिया जाए तो वो है – ” सुबह 8 बजे से पहले किया गया स्नान सर्वोत्तम है। 8 बजे के बाद नहाने का कोई फायदा नही। आपातकालीन स्थिति एक अलग बात है लेकिन आरोग्य की दृष्टि से प्रातःकाल 5 बजे का स्नान अच्छा माना जाता है।

सुबह का ब्रश

आज से 200-400 वर्ष पहले टूथपेस्ट और टूथब्रश नही थे। तब क्या लोग अपने दांत साफ नही करते थे? ऐसा नही है! आयुर्वेद के अनुसार दंत मंजन और दातुन,  दंत रोग का निदान है। दातुन में आप नीम, आंवला, अर्जुन और बरगद के पेड़ का ले सकते हैं। वही दंत मंजन आप घर पर भी अपने रसोई के मसलों से बना सकते हैं।

शुद्ध तेल खाए

शुद्ध तेल अथार्त अथार्त कच्ची घणी का तेल। जिसे अंग्रेजी में कोल्ड प्रेस ऑइल बोलते हैं। मूंगफली, सोयाबीन, नारियल, तिल, सरसो आदि तेल अपने गांव-शहर के ऐसी दुकान पर जाए। जहाँ पर कच्ची घणी का तेल उपलब्ध हो सके। जितना दाम हो उससे दस रूपये अधिक देकर आये। ताकी उस व्यक्ति को अच्छा काम करने का हौसला मिलता रहे। भारत में 21 वी सदी में कुछ लोग कुकिंग ऑइल खरीदने से पहले ‘Refined’ शब्द देखते है। जिसका वास्तविक अर्थ और परिभाषा है – एक ऐसा तेल जो आपको 40 प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है। जब किसी भी प्रकार के तेल को रिफाइंड करते हैं तो उसके न्यूट्रिशन निकल जाते हैं तथा मशीनों में रिफाइन प्रोसेस के समय उसमें हानिकारक तत्व मिल जाते हैं। जिससे की वो तेल किसी काम का नही रहता।

सही बर्तन का चुनाव करें

आपके दादा-दादी से एक सवाल पूछना की आप युवावस्था में किस बर्तन में भोजन करते थे। उनका जवाब होंगा हम मिट्टी के बर्तन का उपयोग करते थे। मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से उस भोजन का स्वाद भी अच्छा होता है और पोषक तत्व भी बने रहते हैं। वही आप एल्युमिनियम के बर्तन में बनाकर खा रहे हैं तो इसका मतलब है आप अनजाने में भोजन के रूप में धीमा जहर खा रहे हैं।

अखाद्य पदार्थो को जाने Unhealthy Food List

अखाद्य पदार्थो को जानना आरोग्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ज्यादातर लोगों को अनहैल्दी फ़ूड का मतलब मांसाहार लगता होंगा। लेकिन यदि आप इसकी सूची तैयार करें तो आपके होश उड़ जायेगे। बाजार में बहुत बड़ी तादाद में अलग-अलग रंग-बिरंगी मिठाइयां, मोटी चीनी से बने उत्पाद, ठंडे पेय पदार्थ (कोल्डड्रिंक), समोसा, कचोरी, सेन्डविच, वड़ापाव, बर्गर, हॉटडॉग, जेली, नूडल्स, चाउमीन, आदि नाना प्रकार के अखाद्य पदार्थ आप या आपके परिवार का कोई न कोई सदस्य इसका उपभोग जरूर करता होंगा। वर्तमान में हमारे बच्चे और युवा पीढ़ी वेस्टन कल्चर से बुरी तरह प्रभावित है। पाश्चात्य संस्कृति कहती है खाओ-पीओ और भोग करो। मतलब उनके अनुसार वो सारी गलत चीजें खानी चाहिए जो अहितकर है। उसके उल्टा हमारी भारतीय संस्कृति कहती है की एकबार भी गलत काम मत करो। हमारे शास्त्रों में तो गलत फ़ूड खाने से बचने के लिए एक सदवाक्य भी लिखा गया है ;

” शरीर को भगवान का मंदिर समझकर आत्मसयंम और नियमितता द्वारा आरोग्य की रक्षा करूँगा “

 मोटे अनाज को भोजन में शामिल करें

क्या आपको पता है? प्राचीन भारत के लोग केवल और केवल मोटा अनाज ही खाते थे।  मोटे अनाज को अंग्रेजी में मिलेट (Millet) कहते हैं। हम सभी को एकबार फिर से हाथ जोड़कर अपने देश भारत के प्रति कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए। क्योंकि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रकार / किस्म के Millets हमारे देश में ही मौजूद हैं। ज्यादातर देशो को गेँहू और चावल के अलावा तीसरा कोई विकल्प भी नही मालूम। लेकिन हमारे देश भारत में, हर राज्य में चार से पांच प्रकार का मोटा अनाज पाया जाता है। उदाहरण के लिए राजस्थान में बाजरा, मक्की, जौ, तथा दक्षिण भारत में कंगना, रागी जेसे अतिलाभकारी मोटे अनाज उपलब्ध है। यदि आप मोटे अनाज को चावल और गेंहू के विकल्प में खाना शुरू कर दे तो आपकी बहुत सारी जीवनचर्या से संबंधित बीमारियां ठीक हो सकती है। भारत में कुल 30 से भी अधिक प्रकार के मोटे अनाज है इसलिए उनको खरीदने से पहले ये जरूर जांच कर लेवे कि ये पॉलिश्ड है या अनपोलिशड़। Unpolished Millet सेहत के लिए अच्छे है। जबकी मिलेट को Polished करने से उसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं।

ध्यान Meditation

ध्यान करने से हम कुछ पल के लिए ही सही लेकिन इस विचारों के तूफान को शांत करके शांति का अनुभव ले सकते हैं। भारत के सभी महान ऋषियों और अवतारी पुरुषों ने ध्यान से कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त की है। ध्यान मानसिक स्वास्थ्य के जरूरी है।

प्राकृतिक चिकित्सा Naturopathy

प्राकृतिक चिकित्सा नेचुरोपैथी के अंर्तगत रोगी को प्रकृति माता से प्राप्त पंचतत्वो से ठीक किया जाता है। जिसमे पर्यावरण के सभी घटक शामिल हैं।

 ब्रह्ममूहूर्त जागरण Wake Up between 3am to 5am

ब्रह्ममूहूर्त जागरण का मतलब है सूर्योदय से पहले उठना, यदि आप कुछ महीने लगातार ऐसा करने में सफल हो जाते हैं तो आपको अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने से कोई नही रोक सकता।

 डेयरी उत्पादों का त्याग करें

डेयरी उत्पादों में वे सभी उत्पाद आते हैं जो पेकिंग में मिलते हैं। जो भी दूध से बनी वस्तु है और वो डेयरी पर बिक रही है तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस पर यदि मैं विस्तार से चर्चा करूँ तो आपको पूरा एकदिन लग जाएगा इस पोस्ट को पढ़ने में इसलिए तर्क-कुतर्क करने से अच्छा है सच को स्वीकार करो।  मैं भारतीय गाय (गौमाता) के पंचगव्य के समर्थन में हूँ। गाय को कामधेनु कहा जाता है। भारत के हर ऋषि-मुनियों ने गाय को पाला है। इसलिए यदि आप खुद गाय को पालते हैं और उसका दूध स्वंय और अपने बच्चों को पिलाते है। तो उसमें कोई दिक्कत नही। मैं यहाँ पर आपको डेयरी पर मिलने वाले मिल्क प्रोडक्ट्स खाने को मना कर रहा हूँ।

नॉनवेज और नशा

नॉनवेज खाने के सेकड़ो नुकसान है। सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं की अपना पेट भरने के लिए किसी जीव को मारकर खाना, प्रकृति के नियम के खिलाफ है। आज बड़े-बड़े अभिनेता एंव लोकप्रिय सेलेब्रिटीज़ मांस, अंडा, मछली को छोड़ रहे हैं। क्योकि उनको इसके नुकसान पता चल गए है। बात करें नशे की तो नशे में सभी प्रकार के नशे शामिल हैं। यदि आप एक नशेड़ी है तो आपको निरोग जीवन जीने के लिए दृढ़ संकल्प से नशा छोड़ना ही होंगा।

FAQ

Q.1) फास्टफूड का हेल्दी विकल्प क्या है?

Answer ⇒ फास्टफूड का हेल्दी विकल्प भारतीय स्वादिष्ट स्थानीय पकवान है। भारत के हर राज्य में स्थानीय स्ट्रीट फूड होते हैं आप उनको खाइए। इसके अलावा हर मौसम / त्यौहार में हमारे माता-पिता घर पर स्वादिष्ट व्यजन बनाते हैं आप उनका सेवन कीजिए।

Q.2)  क्या असाध्य रोगों का इलाज संभव है?

Answer ⇒ बिल्कुल!! जरूरत है स्वास्थ्य ज्ञान की। जो आपको प्राप्त होंगा महर्षि वाग्भट्ट, चरक ऋषि, निघण्टु ऋषि, सुश्रृत ऋषि, आचार्य बालकृष्ण जी के ग्रंथों में। संस्कृत एंव हिंदी दोनो भाषा में उनकी पुस्तकें उपलब्ध है।


आज आपने प्राचीन भारत के ancient indian health tips in hindi एंव ‘body healthy kaise banaye’  टॉपिक पर सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। पोस्ट अच्छी लगे तो सभी सनातनियों के साथ शेयर जरूर करें। अपने विचार ब्लॉग कमेंट बॉक्स में बताए।

 

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1 thought on “स्वस्थ रहने के 15 नियम | How to achieve health goals in Hindi?”

  1. bahut knowledgeable post laga.My best wishes to Sanatani bhaiyo.Please follow old system for good health.

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