Free Naturopathy Centre In India- प्राकृतिक चिकित्सा के लाभ, आहार, सेंटर

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भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का सबसे सस्ता इलाज

यह बात तो आप सबको पता ही है की हमारा शरीर पंचतत्व से बना है। यही कारण है की नेचुरोपैथी चिकित्सा के जरिये हम प्रकृति में मौजूद सभी तरह के मुफ्त संसाधनों द्वारा शरीर के समस्त रोगों से छुटकारा मिल जाता है। ‘Naturopathy Therapy‘ एक अहिंसक इलाज करने का विज्ञान है। जहाँ पर दवाई आपको डॉक्टर से नही बल्कि प्रकृति माता से खरीदनी पड़ती है। आज आप इस पोस्ट में प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में सम्पूर्ण A to Z जानकारी प्राप्त करेंगे।

नेचुरोपैथी क्या है? (naturopathy definition in hindi)

इस चिकित्सा पद्धति के अंदर हमारे शरीर के पंच तत्व आकाश, जल, अग्नि, वायु और पृथ्वी को संतुलित करके किसी भी तरह के रोगी को ठीक किया जाता है। इस इलाज के दौरान आपको फलाहार यानी सलाद व फ्रूट्स का भोजन दिया जाता है। इस बात का ध्यान रखे किसी भी नेचुरोपैथी सेंटर में डॉक्टर आपको चावल, रोटी या पक्का हुआ भोजन खिला रहा है तो इसका मतलब यह है की वो चिकित्सक या चिकित्सालय आपको ठग रहा है। क्योकी इस पूर्ण चिकित्सा के अंदर प्रकृति द्वारा प्राप्त संसाधनों व आहार-प्रणाली से ही रोगी को रोगमुक्त किया जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा के सभी सिद्धांत [principles of naturopathy in hindi)

इस पैराग्राफ के अंदर आप सीखेंगे prakritik chikitsa ke 10 मूलभूत siddhant के बारे में।

#1. शरीर में दुर्घटना या चोट को छोडकर सभी बीमारियों का कारण एक ही है। और वह यह है की बॉडी में गंदे तत्व जमा हो जाना, इन विजातीय तत्वों को बाहर निकालना ही चिकित्सा है।

#2. शरीर में मौजूद जीवाणु (बैक्टिरिया) बीमारी का दूसरा कारण है। पहला कारण शरीर में जमा गंदगी है।

#3. इस बात का ध्यान रखे जब भी आप बीमार होते हो, तब कोई दवाई आपको ठीक नहीं करती। आपका शरीर ही आपको ठीक करता है। मतलब नेचर (nature) आपको ठीक करती है।

#4. रहन-सहन, भोजन-पानी को बदलना, दिनचर्या को सही करना तथा प्राकृतिक भोजन को आहार का हिस्सा बनाना नेचुरोपैथी एक मुख्य सिद्धांत है।

#5. आप पूरी तरह अस्वस्थ होकर भी स्वस्थ्य हो सकते है। यह भरपूर क्षमता आपके अंदर मौजूद है।

#6. प्राकृतिक चिकित्सा में वर्षो पुराने दबे रोग (disease) भी ठीक हो जाती है।

#7. भोजन का मतलब ताजे फल, सलाद जिसमे टमाटर, गाजर, मूली, खीरा आदि शामिल है।

#8. प्राकृतिक चिकित्सा में आध्यात्मिकता भी शामिल है। जहां पर आप मंत्रजप, साधना, भजन के जरिये भी अपना उपचार कर सकते हैं।

 

प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास (History Of Naturopathy In Hindi)

प्राकृतिक चिकित्सा का वर्णन हमारे वेदों व आयर्वेद ग्रन्थो में भी मिलता है इसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना की इस संसार की उत्पती। बौद्ध ग्रन्थ के अनुसार भगवान बुद्ध ने गाय के गोबर, मूत्र व मिट्टी का लेप करके एक भिक्षु को ठीक किया था। जिसको एक जहरीले सांप ने काट दिया था। महर्षि पतंजलि का योगसूत्र इसका एक प्रामाणिक ग्रंथ है। प्राचीन भारत में तो हमारे ऋषि-मुनि, साधु-सन्त तथा सभी गाँव के लोग प्राकृतिक चिकित्सा यानी कुदरती इलाज ही करते थे। इस तरह से आप निष्कर्ष निकाल सकते है। की नेचुरोपैथी भारत की ही देन है।

प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व (importance of naturopathy)

इस पद्धति का लक्ष्य संसार में मुफ्त में उपलब्ध प्रचुर मात्रा में तत्वों का सही तरीके से उपयोग करके रोग के मूल कारण का खात्मा करना है। नेचुरोपैथी मुख्य रूप से गरीब, मध्यम वर्गीय व अमीर सभी तरिके के लोगो के लिए वरदान है। क्योकी अमीर व्यक्ति की भी यही इच्छा होती है की वह जल्द से जल्द बिना दवाईयो के चंगुल में फँसे ठीक होकर जल्दी अपने काम पर लग जाऊ।

नेचुरोपैथी उपचार कैसे किया जाता है?

इसके अंदर बहुत सारी छोटी-छोटी पद्तिया होती है जिसके द्वारा आपका उपचार किया जाता है। जैसे – सूर्य स्नान (सन बाथ), फलाहार, फ्रूट्स ज्यूस, एनिमा, कटी स्नान, मॉर्निंग वॉक, उपवास, जोंगिग, मिट्टी की पट्टी, मालिश आदि मुख्य पद्तिया है।

प्राकृतिक चिकित्सा के प्रकार, प्रणाली व उपयोग में लाई जाने वाली विधियों के बारे में संशिप्त में वर्णन

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[अ] मिट्टी चिकित्सा – हमारा शरीर मिट्टी का पुतला है इसलिए इसको जमीन की माटी से ही ठीक किया जा सकता है। मिट्टी के हजारों लाभ है।

[ब] वस्ति – वस्ति को अंग्रेजी में एनिमा कहते है। इसको आपके गुदामार्ग में डालकर शुद्ध जल का शरीर में प्रवेश करवाया जाता है। इसके उपयोग के कुछ देर बाद ही आपको शोचालय की तरफ भागना पड़ता है। जिससे आपका पेट पूरी तरह साफ हो जाता है।

[स] जल चिकित्सा – शुद्ध मटके का पानी पीने से आपको 20 रोग जीवन में कभी नही आयेगे। मटका पानी को पूरी तरह प्यूरीफायर कर लेता है।
प्राकृतिक चिकित्सा में जल का बहुत अधिक महत्व है। जल भी वह जो तांबे या मिट्टी के बर्तन में रखा गया हो। जलनेति करने में, स्नान करने में, एनिमा लगाने में, गर्म बाथ स्नान में तथा जलाहार सब में जल चाहिए ही चाहिए होता है।
[द] स्नान चिकित्सा – बहते हुए पानी (स्ट्रक्चरड वाटर) में नहाना। इसके अलावा नहाते समय शरीर को अच्छे से रगड़ना ताकी मैल व पसीना छूट जाये।

प्राकृतिक चिकित्सा के फायदे (Naturopathy Benefits In Hindi)

1. इसका इलाज मुफ्त या नाममात्र का है। अगर आप किसी भी प्राकृतिक चिकित्सक के पास जायेगे या फिर प्राकृतिक चिकित्सा के शिविर में जायेगे तो तो मात्र 2000/- रूपये के अंदर आपको पूरी तरह निरोग बनाया जायेगा।

2. नेचुरोपैथी का सबसे बड़ा लाभ यही है की रोगी को बिना दर्द और बिना अतिरिक्त समय खर्च किए जल्द से जल्द बेहतर इलाज प्रदान करती है।

3. बहुत सारी ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसको ऐलोपेथी डॉक्टर ने आपको मना कर दिया है की अब तो ये बीमारी ठीक नही होंगी। उस बीमारी को भी आप जड़ से खत्म कर सकते है। जैसे – डायबिटीज, बीपी, मोटापा, अल्सर, साइनस, दमा रोग, स्किन प्रॉब्लम आदि पुरी तरह से ठीक होती है।

4. कुल 35,000 से भी ज्यादा मानसिक व शाररिक बीमारियां इस मानव शरीर में वर्तमान के अंदर होती है इन सबका इलाज इस चिकित्सा पद्धति से संभव है। इससे बड़ी बात तो और क्या हो सकती है? स्वास्थ्य की दृष्टि से।

प्राकृतिक चिकित्सा के जनक कौन है?

आप सफेद विकिपीडिया व अन्य गुलाम ब्लॉग वेबसाइट के आर्टिकल पढ़कर ये ना माने की इसका उदगम या जन्म यूरोप में हुआ या किसी विदेशी ने किया। जबकी सच्चाई यह है की प्राकृतिक चिकित्सा के जन्मदाता भी ऋषि व हमारे भारत के लोग ही है। इसका प्रमाण महर्षि पतंजलि के योगसूत्र ग्रंथ में मिलता है। भारत में ही नेचुरोपैथी का जन्म हुआ है। इसके सारे सबूत आपको आयुर्वेद व योग की पुरानी किताबो (ग्रन्थो) में मिल जायेगा।

विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र कहा हैं? ( patanjali yog gram in Hindi )

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यह बात है सन् 2019 की जब मैं अपने स्वास्थ्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत के अलग-अलग आधात्मिक शहरों में यात्रा कर रहा था। इसी दौरान मुझे देवनगरी हरिद्वार शहर  जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। यहाँ पर आकर पहले तो कुछ दिन पतंजलि योगपीठ में रुका जहाँ पर योगगुरु स्वामी रामदेव जी  रहते है। इसी दौरान मैं ‘पतजंलि योग संदेश पत्रिका’ पढ़ रहा था। उसी में निरामयम patanjali niramayam के बारे में लिखा हुआ था। जो भारत का सबसे बड़ा नेचुरोपैथी सेंटर है। आप इलाज करवाने भले मत जाओ लेकिन घूमने-फिरने का शौक है तब भी आप जरूर जाये। पतजंलि आयुर्वेद हॉस्पिटल से आपको स्पेशल बस सर्विस मिल जायेगी। ये बस हर दिन हॉस्पिटल के अंदर से ही रवाना होती है। निरामयम योगग्राम हरिद्वार से 15 – 20 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव पास स्थित है। जिसका पूरा पता इस पैराग्राफ के खत्म होने के बाद आपको मिल जायेगा। जहाँ पर बाइक से जाना मुश्किल है, सिर्फ बस ही जा सकती है। ये इतना सूनसान जगह पर इसलिए रखा ताकी किसी भी प्रकार का प्रदूषण व शोर-शराबा यहाँ पर ना हो। निरामयम में एक तालाब भी बना हुआ है जहाँ पर आप बोटिंग का आनंद ले सकते है। इसके अलावा यहां के हर कमरे को आश्रम की तरह सजाया गया है। लेकिन रूम के अंदर सभी आधुनिक सुख-सुविधाएं उपलब्ध है। विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे लगे हुए है। बस सेवा सुबह 10 बजे योगग्राम आपको छोड़ देती है। अगर आप टूरिस्ट हो या सिर्फ रजिस्ट्रेशन या जांच करवाने जा रहे हो तो वापस उसी हॉस्पिटल वाली बस में दोपहर दो बजे वापस आ सकते हो। ज्यादातर लोग तो प्रतिदिन का शुल्क सुनते ही घबरा जाते है। आप एकबार घूमने के उद्देश्य से जाए तो सही, वहां के वातावरण का आनंद ले, वहाँ के दोपहर एक बजे मिलने वाले शुद्ध सात्विक भोजन को तो खाये। ये बात बिल्कुल सही है की आम आदमी यहाँ पर इलाज नही करवा सकता। लगभग खाना, पीना, रहना व चिकित्सा मिलाकर प्रतिदिन का खर्च 10,000 से 15,000/- रूपये हैं। सात दिन रहते हो तो 1 लाख रुपये चाहिए। लेकिन मेरा मानना है पैसा तो आपका पूरा वसूल हो जाता है। वैसे यही पर जाने की जरूरत नही है और भी अन्य बहुत सारे संस्थान है। जहाँ से यही उपचार सस्ते में करवाया जा सकता है। उन सब के बारे में इसी पोस्ट में बताया गया है इसलिए पूरी पोस्ट जरूर पढ़ें।

Patanjali Yog Gram Feec In Hindi
इसके अंदर तीन श्रेणी रखी गई है। जिसको वैदिक आश्रम का नाम दिया गया है। जैसे चरक कुटिया, वाल्मीकि कुटिया इत्यादि। कुटिया मतलब आपके कमरे का नाम। यहाँ पर प्रीमियम यानी बहुत ज्यादा महंगा लक्सरी इलाज 5 स्टार होटल जेसे कमरे में तथा मीडियम दोनो शामिल है। प्रीमियम कमरे में देश के बड़े-बड़े उद्योगपति, कलाकार व अमीर लोग आते है। यहाँ पर तो बाहर जाकर आसपास के वातावरण को देखते है तो भी एक अच्छा अनुभव प्राप्त होता है। निरामयम योगग्राम फीस की बात करे तो 10K, 15K, और 20,000/- अलग-अलग है। रेट बढ़ भी सकते हैं और कम भी हो सकते हैं। नीचे दिए गए पते व फोन नम्बर पर बात करके आप पूछताछ कर सकते हैं।

patanjali yog gram Location/Address 

National Highway-58, Yoga Gram Road Near Bahardrabad, Haridwar Maharishi, Aurangabad, Uttarakhand 249405
Open 24 hours 

Patanjali Yog Gram Registration Fees

Rs.300/- per person 

patanjali yog gram registration online

Email- onlineyoggram@divyayoga.com

Website- www.yoggram.divyayoga.com

Mobile Number:– +91 8954890120

Timings –  (Morning. 6.00am to 10.00pm)

प्राकृतिक चिकित्सा के तरीके

इसके अंदर बहुत सारे तरिके व पद्तिया है जिसके द्वारा रोगी का इलाज किया जाता है। उनके नाम निम्नलिखित है।
१. मर्म बिन्दु चिकित्सा (एक्युप्रेशर)
२. जल चिकित्सा
३. सूर्य चिकित्सा
४. मृदा यानी मिट्टी चिकित्सा
५. शुद्वि कर्म
६ ठंडी पट्टी,

Travelling से नेचुरोपैथी का क्या संबंध?

यह टॉपिक थोड़ा आपको अजीब लग सकता है। लेकिन ट्रैवलिंग यानी घूमना-फिरना नेचुरोपैथी चिकित्सा के अंदर ही आता है। इसके लिए आप खुद एक एक्सपरिमेंट कीजिए। जब आप बहुत ज्यादा तनाव या डिप्रेशन हो तब किसी खूबसूरत प्राकृतिक पर्यटक स्थल पर चले जाएं। आपका सारा दुख, तनाव, खुली ताजा हवा में, पहाड़ो को देखकर, हरियाली को देखकर खत्म हो जायेगा। अगर आप कोई ऐसा प्राकृतिक टूरिस्ट प्लेस की खोज कर रहे हैं तो मैं आपको राजस्थान के पुष्कर शहर जाने का सुझाव दूंगा।

प्राकृतिक चिकित्सा के नुकसान (naturopathy side effects in hindi)

नुकसान कुछ नही है जो चिकित्सा भगवान यानी प्रकृति माता ने स्वंय बनाई है उसमें किसी भी प्रकार की कमी निकालना एक तरह से उनका अपमान है। हां इतना जरूर ध्यान रखना है। की नेचुरोपैथी के अंदर जिस भी तरह की विधियां है, या जबतक आप इस थैरेपी से इलाज करवाये। मांस-मंदिरा तथा डेयरी उत्पाद का सेवन बिल्कुल नहीं करे।

प्राकृतिक चिकित्सा में उपवास के प्रकार

आपको लंबे समय तक उपवास नही रखना है। उपवास के दौरान आपको घर में बना भोजन व बाहर की कोई भी तेल वाले उत्पादों का सेवन नही करना है। हां आप, फलो का रस ले सकते है। जब उपवास तोडो/खोलो तब अधिक मात्रा में ना खाये। इस बात का विशेष ध्यान रखे।

प्राकृतिक चिकित्सा का अभ्यास कैसे और कहा पर करे?

आप चाहे तो घर पर ही कर सकते है। इंटरनेट से आर्टिकल पढ़कर या वीडियो देखकर वरना आप किसी किसी अच्छे चिकित्सालय में जाकर वहां पर नोकरी करके भी कर सकते हैं। आप इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इसका कोर्स भी कर सकते हैं। जिसके बारे में जानकारी इसी पोस्ट में दी गई है।

Prakritik Chikitsa Ke Bare Mein Sawal Jawab

Q.) नेचुरोपैथी खुराक के अनुसार चिकित्सा क्या है

उत्तर - शरीर से अपचित मल व गंदगी निकालने के लिए गेहूं के ज्वारे, नीम्बू का रस, नारियल पानी आदि दिया जाता है। इसके अलावा हरे पत्तों वाली सब्जी का रस, अंकुरित अनाज आदि आहार इसमें शामिल है।

Q.) Top Naturopathy Collage in india

उत्तर - ऐसे तो कुल 12 विश्वविद्यालय है। लेकिन मैं आपको कुछ बेस्ट यूनिवर्सिटी का नाम बता रहा हूं।जहाँ से आप डिग्री ले सकते हैं। बेंगलोर में तीन, चेन्नई में चार, आंधप्रदेश के विजयवाड़ा में दो, आयुष विश्वविद्यालय रायपुर में एक, भोपाल तथा गुजरात में एक।

Q.) Naturopathy Course & Diploma in Hindi (naturopathy courses india

नेचुरोपैथी कोर्स इन हिंदी के बारे में बताए) उत्तर - साढ़े 5 साल का पाठ्यक्रम जिसमें 1 साल की internship कराई जाएगी। डिग्री का नाम

Q.) Naturopathy Treatment Ke liye india Me best place Konsa hai?
उत्तर- वैसे तो भारत के हर बड़े शहर में नेचुरोपैथी सेंटर खुले हुए हैं। लेकिन हरिद्वार, ऋषिकेश, जयपुर व केरल सबसे अच्छी व सस्ती जगह है।

Q.)Naturopathy meaning in hindi
उत्तर- प्राकृतिक चिकित्सा

Q.) प्राकृतिक चिकित्सा का अर्थ एवं परिभाषा
उत्तर – जीवन के शाररिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक तत्वों के मिश्रण से की जाने वाली पद्दति का नाम प्राकृतिक चिकित्सा है।

Q)प्राकृतिक चिकित्सा से जीवन में क्या चमत्कार हो सकते है?
उत्तर – जब स्वास्थ्य सही होंगा तो आप फिर वो सबकुछ कर सकते हैं जो आप करना चाहते है।

Q)प्राकृतिक चिकित्सा दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर- 2 अक्टूम्बर।

Q) प्राकृतिक चिकित्सा नैदानिक उपकरण
उत्तर- नैदानिक चिकित्सा में चुम्बक बेल्ट, Acupuncture इत्यादी।

Q) राजीव दीक्षित जी के अनुसार प्राकृतिक चिकित्सा
स्वदेशी के प्रणेता राजीव दीक्षित जी के कोट्स के अनुसार  रोगी स्वयं चिकित्सक व निरक्षक है।

Q.) प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार रोग का कारण क्या है?
उत्तर – शरीर में मौजूद विजातीय द्रव जिनकी आपको जरूरत नही है वो अत्याधिक मात्रा में जमा हो जाती है तब आपको बीमारिया लगनी शुरू हो जाती है।

 Naturopathy Diet In Hindi

अगर आप वास्तव में पूरी तरह से प्राकृतिक भोजन लेना चाहते है तो आपको एक अच्छे पोषण विशेषज्ञ यानी Dietitian/Nutritionist की जरूरत पड़ेगी। जब मैं 20 साल का था, तब मुझे ऐसा लगता था की सिर्फ कुछ महीने सभी प्रकार के फल (फ्रूट्स) खाकर ही हम सभी रोगों को खत्म कर सकते है। कही न कही व सोच भी मेरी सही थी लेकिन बाद में सही ज्ञान होने के कारण पता चला की फल के साथ और भी बहुत सारी नेचुरल चीजो को जोड़ना पड़ता है। 

 

भारत के अंदर मौजूद सभी नेचुरोपैथी सेंटर के नाम

CentrePhone/contact Details
prakritik chikitsalaya jaipur contact numberAddress: University Marg, Bapu Nagar, Jaipur, Rajasthan
0141 271 0590
प्राकृतिक चिकित्सा उदयपुर Rajasthan (Kayakalya Nature Cure)Address: Petrol Pump, Opposite Aravali Heights Apartment, Near, RK Circle, Pulla, Udaipur
075030 30610,
Naturopathy centre गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश (Nirog Jeevan-Naturopathy Center)Address: S i, 44, Shastri Nagar, Ghaziabad, Uttar Pradesh. Phone: 075030 30610
prakritik chikitsa Rishikesh, uttarakhand.
( Prakriti Vedic Spa)
Laxman Chowk, Laxman Jhula, Rishikesh

+91- 9012981327, 9897434255, 8475999950,

सबसे सस्ता प्राकृतिक चिकित्सा [cheapest naturopathy centre in india]

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पोस्ट पढ़ते-पढ़ते मजा आ रहा है तो पहले इसको शेयर कर दो सभी ग्रुप में, ताकि अधिक लोगों को फायदा मिल सके। यहाँ पर बताये गए ‘Free naturopathy center” में कुछ मुफ्त है कुछ में सिर्फ नाममात्र का पैसा है। अगर आप कम खर्चे में प्राकृतिक चिकित्सा करवाना चाहते हैं। तो ये बेस्ट नेचुरोपैथी सेंटर के नाम आपके साथ काफी रिसर्च के बाद साझा कर रहा हूँ।

1. आरोग्य मंदिर प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, गोरखपुर ( उत्तरप्रदेश)
2. डॉ. वेगीराज कृष्णम राजू प्राकृतिक चिकित्सा सेंटर आंध्रप्रदेश
3. महात्मा जगदीशश्वरानंद आरोग्य आश्रम, बागपत रोड, गाँव पांचली खुर्द (उत्तरप्रदेश)
पांडुर
4. Prakartik Chikitsalaya (Government) Bapu Nagar,  Jaipur City. 


5. सरकारी यौगिक उपचार सह अनुसंधान केन्द्र, जयपुर। इस सेन्टर में मुफ्त भोजन व आवासीय सुविधा रोगियों के लिए उपलब्ध करवाई जाती है।

इस पोस्ट के माध्यम से आपने प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। अगर आपके मन में अभी भी naturopathy से जुड़े कोई भी सवाल हो तो ब्लॉग कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें। सभी भारतीयों तक इस देशी चिकित्सा पद्धति को पहुँचाने में मदद करे, शेयर का बटन दबाकर।

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