भारत के 22 धार्मिक पशु | Animals of Hindu Religion

 A Sacred Animal In India in Hindi 

भारत जेसे समृद्ध विरासत वाले देश में हर पशु-पक्षी को भारतवासी अपने बच्चे की तरह पालते हैं। लेकिन कुछ पशु-पक्षी (Animals & Birds) ऐसे भी है। जिसका हिन्दू धर्म में या फिर कह लो भारत में एक विशेष महत्व है। उन पशुओ के नाम पर विशेष उत्सव/त्यौहार मनाया जाता है। उनकी धूमधाम से पूजा की जाती है। ये सब भारत की संस्कृति है। हम लोग जानवरों को अपना पेट भरने के लिए नही मारते, भारत के ऋषि-मुनि, महापुरुष, देवतागण व किसी भी राजा ने मांस का सेवन नही किया। इसका एकमात्र कारण है – क्योकी इन पशुओं का धार्मिक महत्व है। ये किसी न किसी देवता से जुड़े हुए है। चलिए आज जानते है, india ke holy animals aur hindu dharm ke pavitra pashu ke बारे में सम्पूर्ण जानकारी हिंदी भाषा में।

1. बैल ( महादेव की सवारी नंदी) 

mahadev nandi ki sawari, saand ko sapne me dekhna,

बैल को देशी आम बोलचाल की भाषा में सांड भी कहते है। इसका धार्मिक नाम नंदी है। बैल एक तरह से भगवान शिव की सवारी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान महादेव जहाँ भी जाते थे तो अपने बैल नंदी को जरूर साथ लेकर जाते थे। इसके अलावा ये नन्दी कैलाश मानसरोवर की ठंड को भी आराम से सहन कर लेता था। यही कारण है की आज भी भरतीय बैल का उपयोग कृषि में, तिल का तेल निकालने में में होता है। इसके अलावा भगवान महादेव जी के हर मंदिर के आगे आपको एक नंदी की प्रतिमा दिखेंगी। जिसको श्रद्धालु शिवजी को हाथ जोड़ने से पहले नंदीजी को हाथ जोड़ते हैं। वही महाराष्ट्र राज्य में बैल पोला (bail pola festival) नाम से एक विशेष उत्सव मनाया जाता है। जिसमें सांड को रंगों व फूलो से सजाकर पूरे गाँव में घुमाया जाता है।

2. बंदर (बजरंगबली का अवतार) 

sacred monkey india, hanuman ji kiske avtar hai,
प्रभु श्री राम के परमभक्त हनुमान जी को बंदर का अवतार माना जाता है। यही कारण है की आज भी भारत के लोग बंदर (Monkey) को सभी तरह का सम्मान देते है। उनकी पूजा भी की जाती है। आपको जानकारी के लिए बता दूं और ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव भी रहा है। भारत में गांव के अंदर किसी भी कारण से बंदर की मौत हो जाती है तो उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया जाता है।

बंदर का अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है? 
१. पहले उसे उसी तरह स्नान करवाया जाता है जिस तरह हिन्दू धर्म में किसी व्यक्ति की मौत पर होता है।
२. उसके बाद उसको लाल कपड़ा शरीर से ढका जाता है और सिर्फ मुंह खुला रहता है। ताकी लोग अंतिम दर्शन कर सके।
३. उसके बाद शरीर पर गुलाल छिड़की जाती है व गांव वाले रेशम की माला पहनाते है और कुछ महिलाएं नारियल चढ़ाती है।
४. उसके बाद एक लॉरी मंगवाकर उस पर बिठाया जाता है। और श्मशान घाट के पास में किसी पेड़ के नीचे गड्डा खोदकर डाला जाता है।

५. निष्कर्ष – इतना सम्मान सिर्फ भारत जैसे अद्भुत देश में ही संभव है। आपको पोस्ट पढ़ते-पढ़ते भारतीय होने पर गर्व हो रहा है तो इस पोस्ट को अपने व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पर शेयर करे।

3. गाय (गौमाता) 

most sacred animal in hinduism, Cow worship india,

गाय को भारत के लोगो ने माँ का दर्जा दिया है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक, आध्यात्मिक, पौराणिक व धार्मिक महत्व है। गोपाष्टमी के दिन गाय को पूरे आदर-भाव के साथ पूरा परिवार मिलकर पूजा करता है। भगवान कृष्ण अपने बाल्यकाल में अधिकांश समय गायो को चराने में व्यतीत करते थे। गाय को कामधेनु भी कहा जाता है। अधिक जानकारी के लिए..
यह भी पढ़े –   भारतीय संस्कृति में गाय का महत्व | गाय को गौ माता क्यों कहते हैं?

4. चूहा (Rat god in Hinduism)

rat importance in hindu, ganesh ji ki sawari chuha,
चूहे को संस्कृत में मूषक नाम से पुकारा जाता है। भगवान गणेश बाल्यकाल में मूषक की सवारी करते थे। शायद यही कारण है की भारत के लोग विशेषकर जिसको हिन्दू धर्म के शास्त्रों का ज्ञान है वे लोग तो कभी भी घर से या दुकान से चूहे को नही भगाते। और जो बाजार से चूहे मारने की दवाइयां लाता है वो मुसलमान, ईसाई या फिर अन्य धर्म का व्यक्ति होंगा। राजस्थान राज्य के बीकानेर में एक चूहों का मंदिर है जहाँ पूरे मंदिर में आपको सफेद रंग के चूहे ही चूहे दिखेंगे। अगर आपने गलती से भी उसे मार दिया तो आपसे मंदिर के नियम के मुताबिक सोने का चूहा रखना पड़ेगा। जिसकी कीमत 20,000 से 30,000/- तक हो सकती है।

5. सूअर (डूकर) Varah Avtaar Katha 

pig in hindu mythology, varaha avatar story in hindi,
आपने भगवान विष्णु के वराह अवतार के बारे में तो जरूर सुना होंगा, देखा होंगा। वराह को डूकर का अवतार माना जाता है। जिसमें भगवान विष्णु सूअर के दोनों दांतों से सम्पूर्ण पृथ्वी को असुरो से नष्ट होने से बचाते हैं। वराह अवतार भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी के नासिका (नाक) से करवाया था।

6. बगुला  (Bagula Pakshi)

bagula in hindu dharma, bagula pakshi ke bare me,

बगुलामुखी देवी बगुला पक्षी के नाम पर ही रखा गया है। बगुले का हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में बहुत सारी कथा मिलती है।

 

7. शेषनाग ( sheshnag story in hindi)

sheshnag kiske avtar the, sheshnag katha kahani,
शेषनाग को भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी को शेषनाग का रूप माना जाता है। आज भी भारत में बहुत सारे ऐसे मंदिर है जहाँ पर भगवान विष्णु को शेषनाग के साथ पूजा जाता है। “शेषनाग के चमत्कार” मैंने खुद ने अपनी आंखों से देखे हैं। ये कभी-कभी ही लोगो को अचानक दर्शन देते है और रोड पर आ जाते है।

8. हाथी (Spiritual animal elephant in Hindi)

elephant worship in india, hathi kiska vahan hai,
हाथी को भगवान गणेश जी का साक्षात रूप माना गया है। यही कारण है की जब भी गांव में हाथी आता है। तो लोग उसे फल, भोजन खिलाकर पुण्य का लाभ उठाते हैं। यह एक वास्तविक घटना है ” एकबार माँ पार्वती गुफा में स्नान कर रही थी। तब उन्होंने किसी को गुफा के बाहर पहरा देने के लिए खुद से ही अपने दिव्य शक्तियों के माध्यम से आटे का पुतला बनाया और उसमें मनुष्य की जान फूंक दी। अब पार्वती माता नहाने चली गई। इसके कुछ देर बाद ही भगवान शिवजी आये, उन्होंने उस माता पार्वती के पुत्र को कहा, की है बालक मैं पार्वती माता से मिलना चाहता हूँ, ऐसे में बालक ने अपनी माँ के वचन का पालन करते हुए, महादेव जी से युद्ध करने लग गए। अंत में शिवजी ने अपनी त्रिशुल से उस बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया। अब जेसे ही माँ पार्वती बाहर आयी तो अपने बालक को मरते देख बहुत क्रोधित हो गई और शिवजी से प्राथर्ना करने लगी की कैसे भी करके मुझे अपना बालक चाहिए। ऐसे में महादेव दुखी होकर अपने देवदूतों को कहते हैं की जंगल में जाकर किसी भी पशु का सिर काटकर लाओ, ऐसे में भगवान शिव के सेवक जाते हैं और उनको जंगल में एक हाथी दिखता है और वे हाथी का सिर काटकर लाते हैं। अब भगवान शिव उस मृत बालक के कटे हुए सिर के स्थान पर हाथी का सिर लगाते हैं और तब उनका नाम भगवान गणेश रखा जाता है। आज भी दक्षिण भारत के कई मंदिरों में आप गजराज यानी हाथी को घूमते हुए देखेगे।

9. सिंह ( शेर ) 

sher kiska pratik hai, maa durga aur sher ki kahani,
सिंह को मां दुर्गा की सवारी माना गया है तथा यह विष्णु और सूर्य का प्रतीक भी है। आपने भारत के कई योगियों के फोटो को सिंह की खाल के ऊपर बैठते हुए देखा होंगा। इसके अलावा भगवान महादेव को भी शेर की खाल के ऊपर बैठते देखा होंगा। भगवान विष्णु नृसिंह अवतार को तो आप जानते ही है।


10. नाग (सांप) 

why do hindu worship snakes, nag devta ke bare mein,
नाग एकमात्र ऐसा थलचर जीव है जिसका भारत के कई गांवों में मंदिर बने हुए हैं। भारत में नागपंचमी के त्यौहार के दिन लोग साँपो को दूध पिलाते है। भगवान महादेव के गले में भी सांप रहता है।

11. घोड़ा ( Ghode ki puja kyu ki jati hai?)


ghoda kis bhagwan ki sawari hai, horse facts in hindi,
घोडे को अश्व भी कहा जाता है। भारत के सभी राजा-महाराजा और अवतारी पुरूष घोड़े की सवारी करते थे। हर देवता घोड़े को अपना रथ बनाते थे। इसके अलावा ये युद्धकालीन परिस्थिति में सबसे बहादुर और पराक्रमी जानवर माना जाता है। आपने महाराणा प्रताप के घोडे चेतक का नाम तो सुना ही होंगा।

12. गरुड़ (बाज) 

garud dev story in hindi, garud kaun sa pakshi ha,
गरूड़ को देवता की उपाधि दी गई है। गरूड़ को भगवान राम ने पक्षीराज कहा था। क्योकी यह पक्षी सभी पक्षीयों में सर्वश्रेष्ठ है। रामायण काल में जब लंकापति रावण माता सीता का हरण करके अपनी लंका लेकर जा रहा था। तब गरूड़ देवता ने रावण को रोकने में भरपूर प्रयास किया। लेकिन अंत में गरुड़ की मौत हो जाती है। जब भगवान राम और लक्ष्मण जंगल से गुजरते हैं तो वे देखते की घायल गरुड़ कोने में पड़े हुए हैं गरुड़ उनको सारी बात बताने के बाद अपना दम तोड देते है। उसके बाद भगवान राम स्वंय अपने हाथों से उनका अंतिम संस्कार करते है। गरुड़ पक्षी पर तो हमारे सनातन धर्म में एक पूरा शास्त्र है। जिसको गरुड़ पुराण कहते हैं।

13. हंस ( Hans ka Hindu Dharm Se Sambadh )

hans kiska vahan hai, hans kiska pratik hai,
हंस को प्यार और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। आपने हिंदू धर्म की बहुत सारी देवियों को हंस की सवारी करते देखा होंगा। मतलब हंस पर बैठे हुए। विद्या की देवी माँ सरस्वती को स्कूल की पेंटिंग में या फिर मंदिर में हंस पर बैठे हुए देखा होंगा।

14. मोर (Holy Bird Peacock in Hindi)

mor pankh benefits in hindi, mor kiska vahan hai,
मोर का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा हुआ है। श्रीकृष्ण अपने माथे पर मोर पंख बांधते थे। आज भी राजस्थान राज्य में बहुत सारे गांवों के मंदिरों मे मोरपंख को रोगी के सूजन वाले अंग पर बांधा जाता है और आप हैरान हो जायेंगे, चमत्कारिक रूप से वो पीड़ा दूर हो जाती है। क्या आपको पता है? मोर हमारे भारत का राष्ट्रीय पक्षी (National Bird) है। इसके अलावा मोर भोलेनाथ के पुत्र कार्तिकेय का वाहन भी है।

15. कौआ (significance of crows in hinduism)

shradh ke din kya karna chahiye, crow in hindi,
कौए को पितरो का सूचक मतलब जब हमारे घर में कोई बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो जाती है। तब हम उसके कुछ साल बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध रखते है। तब कौए को एक विशेष आवाज “को-वंश” नाम से जोर-जोर से पुकारते हुए बुलाया जाता है। और ये बात भी सत्य है की जबतक वो कौआ वो खीर-पुड़ी (श्राद्ध का भोजन) खा नही लेता, तबतक घर का कोई भी आदमी भोजन नही करता है।

16. उल्लू (owl bird in hindu mythology)

ullu kiska vahan hota hai, ullu pakshi ke bare me,
ज्यादातर लोग उल्लू को सम्मान की दृष्टि से नही देखते हैं। जो की गलत है। उल्लू पक्षी को लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। इसलिए उल्लू को सही नजर से देखना व उसका आदर-सत्कार करने से धन की देवी माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

17. नीलकंठ ( दिव्य पक्षी नीलकंठ )

neelkanth pakshi ke darshan, neelkanth pakshi ke bare mein,
सत्य सनातन धर्म के शास्त्रों में माना जाता है की नीलकंठ पक्षी को देखने के कई लाभ होते है। वही अगर दशहरा त्यौहार पर नीलकंठ दिख जाएं तो यह व्यक्ति के लिए बहुत शुभ माना जाता है।

18. भगवान भैरव का वाहन कुत्ता

Bhagwan bhairav ka vahan, Kutta kiska vahan hai,
कुत्ते को भगवान भैरव का वाहन माना जाता है। वर्तमान 21 वी सदी में कुत्ते को सबसे अधिक पाला जाता है। कुत्ते को वफादार की उपाधि प्राप्त है।

19. कबूतर

pigeon in hindu mythology, Kabutar kiska vahan hai,

कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव-पार्वती ओर कबूतरों के बीच की एक पौराणिक कथा है। वही से ये एक पवित्र पक्षी बन गया।

20. भैंस ( यमराज की सवारी) 

Yamraj ki sawari kya hai, Bhains kiska vahan hai,

बिल्कुल सही सुना भैंस को हिंदू धर्म के मृत्यु के देवता यमराज की सवारी बताया गया है। इसके अलावा राजस्थान, गुजरात राज्य में अधिकतर किसान दूध के लिए भैंस को पालते हैं।

21. गौरैया (gauraiya bird in hindi)

gauraiya pakshi kaisa hota hai, gauraiya story in hindi,
गोरैया एक छोटी चिड़िया है। यह हल्के भूरे रंग या सफेद रंग में होती है। । पौराणिक मान्यताओं अनुसार यह चिड़ियां जिस भी घर में या उसके आंगन में रहती है, वहां सुख और शांति बनी रहती है। क्या वर्तमान में ऐसा करना संभव है? जी बिल्कुल संभव है ; एक काम करिए, अपने खेत को या फिर अपने घर के ऊपर खाली पड़ी छत पर कुछ औषधीय पौधे लगाये, चिड़िया को पानी पिलाने वाले बर्तन लगाए। पक्षियों के लिए खाने के भोजन की व्यवस्था करें फिर देखे गौरैया ही नही सारे अच्छे-अच्छे पक्षी आपके घर के ऊपर आयेंगे।

22. मछली (Matsyaavtar Ki Katha)

matsya avatar story in hindi, machli kiska vahan hai,
आपने भगवान विष्णु के मत्स्यावतार के बारे में जरूर सुना होंगा। एक समय भारत में बहुत बड़े धर्मात्मा राज करते थे। जिनका नाम था, राजा सत्यव्रत। एक दिन राजा सत्यव्रत नदी में नहाने के बाद सूर्य भगवान को जल चढ़ा रहे थे। तभी उनके हाथ में एक छोटी मछली आ जाती है और वो प्राथना करने लगती है की है, राजन! नदी में बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को खा जाती है। आप मेरी रक्षा करें। तभी सत्यव्रत राजा ने कहा चलो, आज से आप हमारे महल में रहेंगी। मछली ने राजा से कहा की आपके दरबार में मेरे लिए रहने के लिए स्थान तो है ना? तभी राजा अपने अहंकार में कहने लगे – है छोटे जीव, हमारे दरबार में तो पूरा नगर समा सकता है। अब राजा उस मछली को महल में ले जाकर, एक सोने के बर्तन में रखवाते है। लेकिन तभी मछली की आवाज आती है है राजन ये पात्र मेरे लिए छोटा पड़ रहा है आप बड़े पात्र की व्यवस्था कीजिए, तभी राजा सैनिको को आदेश देकर नया बड़ा बर्तन लाते हैं। उसमें भी वे अपना आकर बड़ा कर देती है। तभी राजा सत्यव्रत को समझ में आ जाता है की ये कोई जलचर जीव नही है। जरूर कोई दिव्य आत्मा है, तब राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्हें समुद्र में छोड़ दिया। अब समुद्र में उसी मछली ने एक विशालकाय रूप लिया। और भगवान विष्णु ने अपने चतुर्भुज रूप में मछली के मुख से निकलकर दर्शन दिये। आपको जानकारी के लिए बता दें सिर्फ राजा सत्यव्रत का अहंकार तोड़ने के लिए मत्स्यावतार नही हुआ था। इसके पीछे एक बहुत बडी वजह थी। वो वजह यह है की भगवान विष्णु ने सत्यव्रत को कहा था की सम्पूर्ण पृथ्वी में आज भयंकर प्रलय आने वाला है। इसलिए आप और सप्तऋषियों को लेकर समुद्र में नाव से चले जाना। मैं आपको मत्स्यावतार में बचाने आ जाऊँगा। इसी के साथ संसार की नयी रचना होती है।

FAQ

भारत के लोग पशु पक्षियों से इतना प्रेम क्यों करते है?

भारत एक समृद्ध संस्कृति और विरासत वाला देश है। यहाँ के लोग प्राकृतिक दुनिया से गहराई से जुड़े हुए हैं। इस जुड़ाव का एक प्रमुख पहलू है पशु-पक्षियों के प्रति आदर भाव। भारत में पशु-पक्षियों को अक्सर परिवार का सदस्य माना जाता है। उन्हें प्यार और देखभाल के साथ पाला जाता है। इस आदर भाव के कई कारण हैं। एक कारण यह है कि भारत में पशु-पक्षियों को अक्सर धार्मिक महत्व दिया जाता है। उदाहरण के लिए, गाय को हिंदू धर्म में एक पवित्र जानवर माना जाता है। इसे भगवान के रूप में पूजा जाता है और इसे मां का दर्जा दिया जाता है। हाथी को भी हिंदू धर्म में एक पवित्र जानवर माना जाता है। इसे भगवान गणेश का वाहन माना जाता है। पशु-पक्षियों के प्रति आदर भाव का एक और कारण यह है कि भारत में प्राकृतिक दुनिया को एक पवित्र स्थान माना जाता है। यहाँ के लोग मानते हैं कि सभी प्राणी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और उनका सम्मान करना चाहिए। इस विश्वास के आधार पर, भारत में पशु-पक्षियों की रक्षा के लिए कई कानून और नियम बनाए गए हैं। उदाहरण के लिए, भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम है, जो वन्यजीवों के शिकार और अवैध व्यापार को प्रतिबंधित करता है।

भारत में किस राज्य में सबसे ज्यादा पशु पक्षी पाए जाते है?

मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। यहाँ कई प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें बाघ, तेंदुए, हाथी, गैंडे, और कई प्रकार के पक्षी शामिल हैं। इन राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में सबसे अधिक वन्यजीव पाए जाते हैं,

इस पोस्ट में आपने निम्नलिखित सवालों के जवाब प्राप्त किये।

  • sacred animals in India
  •  animals are prayed in Hindu religion
  • Holy & spiritual animals of india
  •  Animals in Hindu mythology


अपने सवाल/सुझाव/विचार नीचे ब्लॉग कॉमेंट सेक्शन में लिखे। इस पोस्ट को हर भारतीय के साथ शेयर करें। हो सकता है कुछ लोग जाने-अनजाने में ही इन्हें मारते हो या फिर इनको परेशान करते हो। आप जितने लोगो को ये पोस्ट शेयर करेंगे उतने लोगों के बीच में इन पक्षियों की जान बच पायेगी।

 

इन्हें भी पढ़े  [Related Articles]

पशु-पक्षी प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण आर्टिकल – Animal Lover Quotes

350+आज का अनमोल वचन

सुबह जल्दी उठने के 100 फायदे!

अवचेतन मन की शक्तियों का रहस्य जिससे इंसान को दूर रखा गया

दुनिया के सबसे शक्तिशाली मंत्रो के नाम और उनके लाभ

Leave a Comment