देव संस्कृति विश्वविद्यालय – Dev Sanskriti vishwavidyalaya
देव संस्कृति यूनिवर्सिटी देखने के बाद, वहाँ पर दो महीना समय बिताने के बाद मैंने अनुभव किया जाना और समझा की ऐसा विश्वविद्यालय यदि भारत के हर जिले में खुल जाए, तो हर पढ़े-लिखे प्रतिभावान युवाओं को स्वरोजगार मिल जायेगा, वे पूरी तरह आत्मनिर्भर बन जायेंगे। अभी मैं जो एक बात बताने जा रहा हूँ वो D.S.V.V. University घूमने के बाद नोटिस की, ये तो आपको पता ही है पढ़ने की कोई उम्र नही होती और किसी भी उम्र में कुछ भी बना जा सकता है। इसी बात को मध्य नजर रखते हुए देश की 30% जनसंख्या जिनका देश के विकास में कोई योगदान नही है वे लोग डीएसवीवी में किसी भी एक क्षेत्र की तैयारी कर ले या यहाँ पर चल रहे मुफ्त स्वालम्बन शिविर में हिस्सा लेकर अपना खुद का व्यवसाय शुरू करें तो भारत देश की बेरोजगारी की समस्या खत्म सकती है। Complete information about Dsvv university haridwar in hindi के लिए पूरी पोस्ट पढ़े।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय में चल रहे सभी निशुल्क शिविरों में हिस्सा कैसे ले? ( DSVV University Free Shivir/Camp Registration)
जिस प्रकार शांतिकुंज हरिद्वार आश्रम में व्यक्ति के शाररिक, मानसिक, आध्यात्मिक और आर्थिक विकास के लिए समय-समय पर शिविर होते रहते हैं ठीक उसी प्रकार देव संस्कृति यूनिवर्सिटी में भी स्वालम्बन शिविर चलते है। इन शिविरों में हिस्सा लेने की पहली शर्त यही है की आपको पहले शांतिकुंज आश्रम में नौ दिवसीय और एक महीने का युगशिल्पी शिविर करना पड़ेगा इसके बाद ही आप इस 45 दिनों के स्वालम्बन शिविर में हिस्सा ले सकते हैं। काफी लोगो को स्वालम्बन का अर्थ नही पता, उनके लिए बता दूं की ऐसा काम जो आप खुद करते हैं उसे स्वालम्बन कहते है।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय ग्राम प्रबंधन क्या है?
इसी के अंतर्गत उपरोक्त ’45 Days Camp’ चलता है। जहाँ पर कोई भी भारत का व्यक्ति आकर इस पेंतालिस दिन का स्वालम्बन शिविर करके अपने पूरे गांव-शहर की बेरोजगारी को दूर कर सकता है। बिज़नेस नही करे तो स्व-रोजगार (Self- Employment) प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा एक B.S.R नाम का कोर्स है उसमें भी अपने पूरे गांव को कैसे स्वालम्बी बनाए सिखाया जाता है।
FAQ SAWAL JAWAB
उत्तर- देव संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने की थी। उत्तर- शांतिकुंज आश्रम से जुड़े हुए लोग और जिनके बच्चो का एडमिशन वहाँ पर करवाया हुआ है या फिर करवाना है वे लोग पूरे यूनिवर्सिटी को देख सकते हैं जितना समय चाहे उतना रूक सकते हैं। और शांति व सुख का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। उत्तर- इस टॉपिक पर मैंने एक अलग से पोस्ट लिखी है। आप होमपेज > सर्च बॉक्स में जाकर ढूंढ सकते हैं। दूसरा तरीका मेरे ब्लॉग के 'All Post' पेज में जाकर भी ढूंढ सकते हैं। तीसरा तरीका Google पर सर्च करें - 'ShantiKunj internet Gyankosh' पेज को Scroll Down करे नम्बर एक या नम्बर तीन मेरी पोस्ट दिखेगी उसको पढ़े। उत्तर- देश की युवा पीढ़ी में आधुनिक शिक्षा के साथ ही भारत की ऋषि- परंपरा, सनातन संस्कृति, योग विज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान का विकास करना। यहाँ पर पढ़ने वाले बालक-बालिका सिर्फ अपना और अपने परिवार का भला ना सोचकर पूरे विश्व के कल्याण के बारे में सोचते है। क्योकी अध्यात्म के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान और जीवन जीने की कला भी सीखाई जाती है।Q.1) देव संस्कृति विश्वविद्यालय किसने बनाया?
Q.2) कौन लोग DSVV घूमने जा सकते हैं?
Q.3) शांतिकुंज से कैसे जुड़े?
Q.4) देव संस्कृति विश्वविद्यालय का उद्देश्य क्या है?
Q.5) देव संस्कृति विश्वविद्यालय किस जनपद में है?
उत्तर -देव संस्कृति विश्वविद्यालय उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जनपद में स्थित है।
Q.6) देव संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई?
उत्तर – 11 अप्रैल 2002 को।
Q.7) Dev Sanskriti vishwavidyalaya vice chancellor का क्या नाम है?
उत्तर – श्री शरद पारधी जी (Shri. Sharad Pardhy)
Dev Sanskriti vishwavidyalaya is government or private?
Answer is – Private.
Dev Sanskriti vishwavidyalaya recruitment / Vacancy / Jobs
Answer – Visit : https://dsvv.ac.in
डीएसवीवी में कचरा प्रबंधन [Earn Money from Waste Management]
हर दिन शांतिकुंज का भारी मात्रा में कचरा यहाँ पर लाकर रिसाईकिल किया जाता है। हर वस्तु जो कचरे में प्राप्त हुई उनको अलग-अलग करके पुनः उपयोग में लाया जाता है। और सबसे अच्छी बात तो यह है की इस कचरे के बहुत सारे उत्पाद (Products) भी बनाए जाते हैं। जिसमें कपड़े का बैग, महिलाओं का हाथ का बटवा (Handmade Bag), कागज के आमंत्रण पत्र इत्यादी सामान उस प्रतिदिन के कचरे से बनाकर विश्वविद्यालय में ही बेचे जाते हैं। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है की जो बिना काम का कचरा होता है उससे खाद बनती है जिसको आप बेच भी सकते हो या वृक्ष- वाटिका, पेड़-पौधों में डाल सकते हो। जय हो गुरुदेव की, क्या शानदार विचार है डीएसवीवी और अखिल विश्व गायत्री परिवार का!
My Experience With DSVV University ( देव संस्कृति विश्वविद्यालय के अंदर मैं क्या काम करता था? )
काम वगैरह कुछ भी नही करता था। श्रीराम स्मृति उपवन वाटिका में सुबह-सुबह योग करके मुफ्त वहाँ पर आम के पेड़ से टूटे हुए रसीले आमों का भक्षण करता था। आम खाने के दीवानों के लिए ये एक बेस्ट जगह है यहाँ बहुत सारे ‘आम के पेड़’ लगे हुए हैं। उसके बाद दोपहर को 3 बजे से 5 बजे तक पार्क में बैठकर स्वाध्याय करता था और उसके बाद श्रीराम-स्मृति वन में वेजिटेबल ज्यूस (सूप) पीता था। इसी के सामने बने हुए पुस्तक स्टॉल पर लघु उद्योग से बने तिल और गुड़ की चक्की खाता था। ये सब गतिविधिया शांतिकुंज में युगशिल्पी शिविर करते-करते ही करता था। क्योकी युगशिल्पी केम्प का समय प्रतिदिन सुबह 9 बजे से संध्याकाल 5 बजे के बीच में होता है व कभी-कभार छूटी (अवकाश) मिल जाता है। ऐसे में, मैं उस खाली समय का उपयोग देव संस्कृति में जाकर सदुपयोग करता था। सबसे अच्छी बात दिन में तीन समय शांतिकुज से विश्वविद्यालय आश्रम की बस आती है जिसमें वे DSVV देखने के इच्छुक शांतिकुज के लोगों को घुमाने लेकर जाते थे। सच में बस में बैठकर देव संस्कृति विश्वविद्यालय जाने का वो सफर शानदार रहता है इसका कोई किराया नही लगता आप जितनी बार चाहे उतनी बार बस के प्रस्थान समय के अनुसार जा सकते हैं।
भारत का पहला पर्यटक स्थल विश्वविद्यालय (University Tourism in india)
आप ये पैराग्राफ पढ़कर आश्चर्यचकित हो जाएगें। डीएसवीवी को आप हरिद्वार का एक पर्यटक स्थल भी बोल सकते हैं यहाँ पर देखने लायक बहुत सारी जगह है। खाने के लिए रेस्टोरेंट व फ़ूड कोर्ट बने हुए हैं घूमने के स्थान निम्नलिखित उपउपबिंदु में देख सकते हैं। ध्यान रखें नीचे बताए गए सारे स्थान देव संस्कृति विश्वविद्यालय में ही बने हुए हैं।
गीता भवन और गौशाला
गीता भवन में प्रतिदिन छात्रों के लिए श्रीमद्भगवद्गीता की कक्षाए (Classes) चलती है। ये गौशाला कचरा प्रबंधन वाले रोड पर बनी हुई है। डीएसवीवी 4 से 5 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। पूरे कॉलेज (Collage) में पक्की डामर की सड़क बनी हुई है।
श्रीराम-स्मृति वन
ये मेरी डीएसवीवी की सबसे पसंदीदा जगह है। यही पर मैं अपना अधिकतम समय व्यतीत करता था। इस वाटिका में एक छोटा मंदिर बना हुआ है जहाँ पर सुबह जल्दी आकर मैं प्राणायाम करता था।
विद्यापीठ
विद्यापीठ को आप स्कूल भी बोल सकते हैं। ये विद्यापीठ देव संस्कृति विश्वविद्यालय में ही बना हुआ है। यहाँ पर आप केजी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चो का एडमिशन करवा सकते हैं। गुरुकुल जेसा माहौल यहाँ पर आपको मिलेगा। बच्चों का सम्पूर्ण विकास होंगा।
मर्म बिंदु चिकित्सा ट्रेक और प्राकृतिक फलो का रस
मर्म बिंदु चिकित्सा का मतलब एक्यूप्रेशर जो यहाँ पर लगा हुआ है। ये एक चिकित्सा पद्धति है जिससे शरीर के सारे रोग खत्म होते हैं। एक्यूप्रेशर ट्रेक गेट नम्बर दो पर श्रीराम-स्मृति वन में लगा हुआ है। ये बहुत बड़ा है और सभी प्रकार के भिन्न-भिन्न मर्म बिन्दु लगाए गए हैं जहाँ पर पैदल चलकर आप एक गजब फिलिंग ले सकते हैं। यही पर एक यूनिवर्सिटी की ही छोटी दुकान बनी हुई है जहाँ पर सभी प्रकार मौसमी फलो का रस (Fruit juice), सब्जियों का रस (Vegetables सूप), और अंकुरित अनाज मिलता है।
आयुर्वेदिक औषधियों का फार्मेसी केंद्र
डीएसवीवी में ही एक बड़ा हॉल बना हुआ है जहाँ पर विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों का निर्माण होता है। यहाँ से पैकिंग होकर ये सारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी दवाइयां बिक्रि के लिए गायत्री शक्तिपीठ और शांतिकुंज के लिए जाती है।
नौ दिशा- सूचक और पंचकर्म केंद्र
पंचकर्म आयुर्वेद का हिस्सा है। यदि आप पंचकर्म चिकित्सा करवाना चाहते है, तो देव संस्कृति हरिद्वार आ सकते हैं। इसकी कीमत भी बिल्कुल कम है। नौ दिशा- सूचक में आप समय और दिशा का पता बिना घड़ी लगा सकते हो।
रेस्टोरेंट / केन्टीन
यहाँ पर बाहर से घूमने आए पर्यटक भोजन कर सकते हैं। इसका नाम जलपान गृह है। इसमें विश्वविद्यालय के बच्चे भी कुछ भी अपना पसंदीदा खा सकते हैं।
दूरस्थ शिक्षा क्या है? dev sanskriti vishwavidyalaya distance education
ये पहल भारत व दुनियाभर के उन विद्यार्थियों के लिए की गई है जो किसी भी कारण से देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आकर नही पढ़ सकते है। मतलब जिन लोगो को dev sanskriti Ka online course घर बैठे ही करना है उनके लिए ये डिस्टेंस एजुकेशन प्रोग्राम है। इस पहल के तहत आप DSVV के सभी कोर्स घर पर ही कर सकते हैं।
होस्टल में रहने के नियम और फीस (dev sanskriti vishwavidyalaya hostel information)
होस्टल सुविधा लड़के और लड़कियों दोनो के लिए उपलब्ध हैं। हर स्टूडेंट्स सप्ताह में एकबार सफेद ड्रेस में शांतिकुज दर्शन करने जा सकता है। जो विश्वविद्यालय की यूनिफॉर्म होती है। इसके अलावा आप हरिद्वार में कही भी घूमने नही जा सकते। यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी गार्ड की अच्छी व्यवस्था है। दोनो गेट पर दो-दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात है। बिना लिखित जानकारी के Students केम्पस से बाहर नहीं जा सकते है। मान लीजिए आपके कोई परिजन या चाहने वाले आपसे मिलने आते हैं तो शांतिकुज में ठहर सकते हैं लेकिन होस्टल में रहने की अनुमति नही मिलेंगी। विश्वविद्यालय के किसी भी प्रकार के कार्यक्रम में लड़कों को कुर्ता-पायजामा और लड़कियों को सलवार सूट / साड़ी पहननी जरूरी है। इसके अलावा आप रूम के अंदर फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन केम्पस के बाहर या अध्ययन के दौरान उसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। ड़ीएसवीवी में मांसाहार पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। सभी Hostelers को सुबह 5 बजे की प्राथना और रात्रि 8 बजे की प्राथना में शामिल होना जरूरी है। सुबह का भोजन 10:00 am – 11:30 am तक और शाम का भोजन 5 से 7 बजे तक। फीस की जानकारी आपको सीधे ड़ीएसवीवी में जाकर बात करने से ही मिलेगी। इसके अलावा वेबसाइट में दिए गए संपर्क सूत्र को देखकर भी आप उनसे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय शुल्क संरचना Dev Sanskriti Vishwavidyalaya Haridwar Fee Structure
पाठ्यक्रम | अवधि | फीस |
---|---|---|
M.A. Journalism and Mass | 2 years | 35000 |
M.A. Hindi | 2 साल | 18000 |
M.B.A. Tourism & Travel Management | 2 साल | 40000 |
B.A. (Hons.) English | 3 साल | 23000 |
Certificate in Holistic Health Management | 6 Months | 30000 |
B.A. (Hons.) Hindi | 3 years | 18000 |
P.G. Diploma in Guidance and Counseling | 1 year | 30000 |
M.A. Music (Tabla and Pakhawaj) | 2 years | 18000 |
M.Sc. Applied Medicinal and Aromatic Plant Sciences | 2 years | 30000 |
देव संस्कृति विश्वविद्यालय में एडमिशन कैसे ले?
DSVV UNIVERSITY में एडमिशन लेने के दो तरीके है पहला तो आप सीधे हरिद्वार जाकर बढ़िया शानदार आलीशन भवन में बैठकर अपने मन के सभी सवालों के साथ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं दूसरा https://dsvv.ac.in/admissions/important-dates-for-admission/ में जाकर सीधा ऑनलाइन ही एडमिशन ले सकते है।
उत्तराखंड हरिद्वार देव संस्कृति विश्वविद्यालय योगा कोर्स बारे में जानकारी (dsvv yoga courses and fees)
Programs | Duration | Fees |
---|---|---|
Certificate In Yoga And Alternative Therapy | 6 Months | ₹30000 |
M.A. / M.Sc. Yogic Science and Ayurveda (Course Syllabus – Hindi / English) | 2 years | ₹30000 |
M.A. /M.Sc. in Yogic Science and Alternative Therapy (Course Syllabus) | 2 years | ₹30000 |
P.G. Diploma in Human Consciousness, Yoga & Alternative Therapy | 1 year | n/a |
M.A. / M.Sc. Human Consciousness and Yogic Science (PG) | 2 years | ₹30000 |
M.Sc. In Yoga Therapy (PG) | 2 years | ₹30000 |
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आज आपने देव संस्कृति विश्वविद्यालय (DSVV) हरिद्वार, उत्तराखंड के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हिंदी भाषा में प्राप्त की। अपने सवाल/सुझाव/विचार नीचे ब्लॉग कॉमेंट बॉक्स में लिखे। इस पोस्ट को हर स्कूली बच्चों तक पहुचाये ताकी वे सही दिशा में अपना केरियर चुन सके।
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