Mental Health kaise thik kare?
मानसिक स्वास्थ्य ठीक है या नही कैसे पहचाने? (How to identify mental illness in Hindi)
मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित व्यक्ति की पहचान करने के लिए उसके व्यवहार, बोल-चाल, से आसानी से पता लगाया जा सकता हैं। उदाहरण के लिए मानसिक डर के रोगी के लक्षण;-
- ऐसे व्यक्ति किसी से बात करना पसंद नही करते,
- इनको अकेले में रहना अच्छा लगता हैं,
- अत्यधिक मात्रा में किसी भी नशे का सेवन करना,
- वजन एक दम से घट जाना या बढ़ जाना,
- गुस्सा आना,
- लक्ष्य से हटकर कुछ भी मनोरंजन करना जिसका जीवन लक्ष्य से कोई संबंध नही हैं।
- दिन में ज्यादा भोजन करना
- बार बार जीवन को निराशा के समुंदर की तरह देखना।
- अपने काम में मन नही लगना।
- सोशल मीडिया पर घण्टो- घण्टो समय व्यतीत करना।
डिप्रेशन और तनाव का मूल कारण एंव हमें मानसिक रोग क्यों होता है? (mental health problems in hindi)
तनाव व निराशा का मूल कारण बहुत सारे होते हैं, किसी एक कारण को ही जिम्मेदारी ठहराना गलत बात होंगी। पहला कारण हैं- जो चीज आपको चाहिए, उस चीज पर मेहनत करने के बाद भी नही मिलना। आपके सपने व लक्ष्य कुछ भी हो सकते हैं, उदहारण;- नया मोबाइल, कार, घर, बैंक बैलेंस इत्यादी। आप सोचते हो मैने अपनी पूरी ताकत लगा दी, इस वस्तु को पाने के लिए और मुझे ये चीज क्यों नही मिल रही। ऐसे में आप पूरी तरह टूट जाते हो।
#2. दूसरा कारण –
अगर आपके आसपास का वातावरण नेगेटिव लोगो से भरा हुआ हैं। जो आपको हर रोज आपके जीवन लक्ष्य से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगो के विचार दो-तीन दिन तक तो आपके दिमाग में चलते रहते हैं। इसके अलावा आप किसी केमिकल्स फैक्टरी, औद्योगिक नगर या कोई ऐसी गंदी बस्ती में रहते हो, तो भी गलत चीजो को बार-बार देखने से आपको तनाव आयेगा।
#3. तीसरा कारण –
अगर सिर्फ मनोरंजन के लिए आप सोशल मीडिया का उपयोग करते हो, तो बस समझ जाओ, आज ही सारी एप्प्स को हटा दो। क्योंकि आप कोई भी पोस्ट शेयर करते हो, तो हर सेकेंड, हर मिनट आपको यह देखने की जिज्ञासा रहती हैं, कितने लोगो ने लाइक किया, कितने लोगो ने कमेंट किया। और अगर एक भी नकारात्मक कमेंट आ गई तो आपका तो पूरा दिन खराब। इस तरह बार-बार टीवी तथा सभी social media एकाउंट देखने की प्रकिया से दिमाग पूरी तरह खराब हो जाता हैं। और एक गोल्डन टिप्स हैं, की यह सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य को तो पूरा खराब करता ही हैं, इसके अलावा आपके अमूल्य समय को भी तेजगति से नष्ट करता रहता हैं।
मानसिक रोग को कैसे ठीक करें? [Mental Health Solutions in Hindi]
आज मै आपको अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार सभी वो तरिके बताऊंगा, जिससे मैं खुद तनाव से बाहर निकलने में सफल हुआ। मुझे पूरी उम्मीद हैं आपको भी यह नियम जरूर पसन्द आयेंगे, और इन नियमो को जीवन में उतारकर आप जीवनभर इस मेंटल हैल्थ प्रॉब्लम से बचे रहेंगे। सबसे अच्छी बात ये सभी टिप्स निशुल्क है, नेचुरल है।
1. योग से करे मानसिक स्वास्थ्य को दूर
योग एक ऐसी कला हैं, जिससे आप अपने मन को वश में कर सकते हैं। योग करने से आपका मानसिक के साथ शारिरिक स्नान भी हो जाता हैं जिससे आप पूरे दिन फिट और खुश रहते हो। जब कोई भी फिसिकली एक्टिविटी करते हैं, तो इससे हमारा दिमाग प्रसन्न होता है। हमें अच्छा महसूस होता हैं। इसलिए प्रतिदिन 1 घण्टे योग व प्राणायाम अवश्य करें । आप सिर्फ एक सप्ताह करके देखे आप अपने जीवन में बहुत आशा व खुशियां महसूस करेंगे। शुरुआत प्रतिदिन 10 मिनट से करें।
2. ध्यान (मेडिटेशन) के द्वारा मानसिक संतुलन सही करें।
Meditation खुश रहने की सबसे अदभुत कला हैं। आपको पता हैं, भगवान बुद्ध ने ध्यान में इतनी जबरदस्त सिद्धि प्राप्त कर ली थी। की लोग उन्हें भला-बुरा बोलते थे, गालियां देते थे, फिर भी वो किसी पर गुस्सा नही होते थे। वो सिर्फ अपने ध्यान में मस्त रहते हैं क्योंकी उनको असली आनंद मेडिटेशन में ही आता था।
- शांत वातावरण में आँखे बंद करके बैठ जाओ,
- 10 बार लंबी गहरी सांस लीजिए।
- उसके बाद धीरे-धीरे सांस लेते रहो और सिर्फ अपने अंदर की आवाज सुनो इस तरह शुरुआत में पांच मिनट करे > फिर धीरे धीरे समय को बढ़ाये।
- ध्यान सीखने के लिए आपके लिए एक गाइड है
3. व्यवस्थित दिनचर्या से करे सभी प्रकार की मानसिक बीमारियों को खत्म!
अगर आप प्रतिदिन देर से सोते हो और सुबह लेट उठते हो, तो शत प्रतिशत आप मानसिक रोग के शिकार बनोंगे इसलिए हमेशा सुबह जल्दी उठे, इससे आपका दिमाग पूरे दिन सक्रिय रहेंगा और आप कोई भी गलत काम उस दिन नही करोंगे। जब आप सुबह सूर्योदय से पहले उठते हो, तो उस दिन मैं गारंटी के साथ कह सकता हूँ, आप दुखी नही रहेंगी। आप पूरे दिन ताजगी महसूस करेंगे, आपके सारे काम अपने आप होने लगेंगे, जिस कारण से आपको डिप्रेशन है उसका समाधान भी मिल जायेगा यही तो ताकत है सुबह जल्दी उठने की। वैसे तो एक आदर्श दिनचर्या के लिए हजारो नियमो का पालन करना पड़ता है पर मैं आपको एक और आसन नियम बताता हूँ, आप किसी भी प्रकार का नशा करते हैं तो उसको आज ही छोड़ने का प्रयास करें और नही करते तो भूल से एकबार भी ना करे क्योंकी जब व्यक्ति नशा का ऐडिक्ट हो जाता है तो उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है। इसी कारण उसके दिमाग में नये आईडीया व प्रॉब्लम सॉल्विंग विचार आ नही पाते।
4. सकारात्मक सोच का जादू
देखिए जो होना था, भूतकाल में वो तो हो गया अब अगर आप उस पर ही सोचते रहोंगे तो हमेशा परेशान ही रहने वाले हो। इसलिए अब आपको यह सोचना हैं, की अब जो मेरे पास जो समय बचा हैं, उसका मै कैसे सदुपयोग करू, और अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करू? क्योकि रोना, सोना या मरना किसी भी समस्या का समाधान नही हैं, उस समस्या को खत्म करना ही समाधान हैं। चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, जिस कारण आप चिंता में हो, तो उस समय भी मन में और काँच के सामने यही बोले की मैं इस प्रॉब्लम को खत्म करके ही रहूंगा मुझे पूरा विश्वास है। यह कोई टिप्स नही है यह तो प्रकृति का नियम है, आप पाएंगे कुछ ही महीनों में आपकी वह समस्या जड़ से खत्म हो जायेगी।
5. जीवन लक्ष्य पर फोकस करें
जो आपका जीवन उद्देश्य हैं, उसको प्राप्त करने के लिए आपने योजना बनाई होंगी, उसको प्रतिदिन सुबह जरूर पढ़े, वह जो लिखा हुआ है, उस पर मन लगाकर काम करना शुरू करें। यकीन मानिए ध्यान तो भटक सकता है, पर एक बार काम करने बैठ गये तो आपका पूरा ध्यान समस्या से हटकर लक्ष्य पर आ जायेंगा। अगर आपके परिवार या आसपास में कुछ ऐसे लोग रहते हैं, जिनकी आपको शक्ल (चेहरा) देखना पसन्द नही है। या उनके शब्द सुनते ही आपका दिमाग तुरन्त खराब होता हैं, ऐसे लोगो से आप जितना दूर रहोंगे उतने फायदे में रहोंगे। आप जो भी लक्ष्य बनाओ 3-5 साल बाद जीवनभर ऐसे लोगो से दूर रहो ऐसा कुछ सोचो। या फिर जीवन लक्ष्य ही ऐसा बनाओ जिसमें आपको काम करने का मजा आये और पैसा भी बहुत आये। इसके लिए आप अपने जोश व जूनून ( Passion) को फॉलो कर सकते हैं।
6. पेड़ पौधों से प्राप्त भोजन करें व वीगन बने।
आप जो कुछ भी इस समय बाजार का Refined, food, Shakkar, maida, chocolate, fastfood & Dairy Products खा रहे हो ये भी आपके मानसिक स्वास्थ्य का सबसे बड़ा कारण है। मुझे पता है आपको ये बात बिल्कुल भी हजम नही होंगी और मैंने आर्टिकल की शुरुआत में ही बोल दिया था। मैं जो कुछ भी आज बता रहा हूँ, वो कोई नहीं बतायेगा क्योंकी ये सब बातें भारत के अलग – अलग आश्रम में जाकर सीखी है। बात करते हैं डेयरी उत्पाद की, जब हम जानवरों के शरीर से निकला भोजन करते हैं तो उससे बहुत सारे रोग होते हैं क्योकी आज जो भी आप खा रहे हो वह जानवरों को पीड़ित करके उन पर अत्याचार करके सबकुछ बनाया जाता है। इसलिए आज ही वीगन बनो और तनाव से मुक्ति पाओ!