घर पर योग कैसे करें?
‘करो योग रहो निरोग’ यह कहावत आपने हर जगह सुनी होंगी। लेकिन कोई भी अपनी योग दिनचर्या को नही बताता। आज मैं आपके साथ एक ऐसा ‘ डेली योगा रूटीन’ साझा करने वाला हूँ। जिसको हर उम्र का लड़का-लड़की और पुरूष-महिला कर सकते है। इसमें आसान, प्राणायाम, व्यायाम सभी योगासन शामिल हैं। इन सबको मैंने भारत की बडी-बडी आध्यात्मिक संस्थाओं में जाकर सीखा जिसमें पतंजलि योगपीठ और शांतिकुंज हरिद्वार का नाम मुख्य है। इसलिए इस पोस्ट में बताई गई सारे ‘ Yoga, Asana & Exercise ‘ को फ़ॉलो करें। इन सभी को करने का कम से कम 20 मिनट का समय लगेगा और आराम से करे तो 40 मिनट का समय भी लग सकता है।
योग क्या है?
योग, भारत के ऋषियों द्वारा रचित स्वस्थ जीवन जीने की एक विद्या है। जो समस्त संसार के लिए निशुल्क उपलब्ध है। इसको हर कोई आसनी से सीख सकता है। योग करने से शरीर की बीमारियों का मूल कारण वात, पित्त और कफ संतुलित रहता है। बस इस बात का ध्यान रखे दस साल से कम उम्र के बच्चों को योग नही करवाए।
योग की शुरुआत मंत्रजप के साथ करे
ये बहुत जरूरी है। योग करने से पहले मंत्रजप और कुछ और शब्द बोलने से आप पूरी तरह योग के लिए तैयार हो जाते हैं।
[पहले ये बोले] – मन शांत, चित्त शांत ! योग की शुरुआत देव मंत्र, गुरु मंत्र, महामंत्र गायत्री मंत्र से
[गायत्री मंत्र बोले] – ‘ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।’
अभी ये बोले – सबके आरोग्य जीवन और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए, महामृत्युंजय मंत्र
[महामृत्युंजय मंत्र बोले] – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
अभी योग की शुरुआत करे;
सूर्यनमस्कार आसन
सूर्य नमस्कार को आसनों का राजा कहा जाता है। भारत के सभी शूरवीर, पराक्रमी, योद्धा व राजा हर दिन सूर्य नमस्कार करते थे। महाराणा प्रताप हर दिन 100 राउंड सूर्य नमस्कार करते थे। जबकि आप और मैं या कोई भी सामान्य आदमी पांच बार से अधिक नही कर सकता। सूर्य नमस्कार के कुल 12 मंत्र है मंत्रजप के साथ करने से बहुत सारे आध्यात्मिक लाभ मिलते है।
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प्रज्ञा योग आसन
प्रज्ञायोग, युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित एक आसन है। इस आसन को आप गायत्री मंत्र के साथ कर सकते हैं। कुल 15 से भी अधिक आसन की क्रियाएं इसमें शामिल है।
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सर्वांगासन (Sarvangasana)
योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए तीसरा आसन है सर्वांगासन। इसको भी आसनों का राजा कहा जाता है। सर्वांगासन से सम्पूर्ण शरीर को लाभ मिलता है। इसको हर कोई कर सकता है ऊपर फोटो देखे > पहले आपको पीठ के बल लेट जाना है > अब दोनों पैर ऊपर करने है > अपनी पैरो की जाघों को हाथ से पकड़े। हर दिन एक मिनट से पांच मिनट कर सकते हैं।
[निष्कर्ष] – इस तरह एक आदर्श योग दिनचर्या के तीनों आसन समाप्त हुए। अब आपको जमीन पर बैठकर प्राणायाम करने है।
अभी प्राणायाम की शुरुआत करे
प्राणायाम हमेशा नीचे जमीन पर बैठकर किए जाते है। एक चटाई या योगा मेट जमीन पर बिछाए। ध्यान रखे प्राणायाम हमेशा खुले आसमान में किया जाता है। PRANAYAM से शरीर की सारी आंतरिक बीमारियां ठीक होती है वही श्वसन संबंधित बीमारियों के लिए ये रामबाण है।
उदगीत प्राणायाम
उदगीत प्राणायाम के अंदर आपको सुखासन में बैठना है। मुँह से लंबी गहरी श्वास लेनी है > उसके बाद श्वास छोड़ते हुए > ॐ ओम OM का उच्चारण करना है।
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम में एकबार आपको श्वास लेनी है और फिर टुकड़ो में धीरे-धीरे बाहर छोड़नी है। ऐसा तीन से पांच बार करे। सर्दियों में ज्यादा करे। गर्मियों में कम या ना करे तो अच्छा।
अनुलोम विलोम प्राणायाम
अनुलोम विलोम को प्राणायाम राजा कहा जाता है इससे शरीर की सभी 72 हजार नस-नाड़ियों का शोधन होता है। अनुलोम विलोम को करने के लिए एक नाक से सांस ले और दूसरे नाक से छोड़ दे। सांस लंबी गहरी ले और शुरुआत हमेशा बाए नाक से सांस लेकर करे। पांच से दस मिनट हर रोज करे।
[निष्कर्ष] – इस तरह एक आदर्श योग दिनचर्या के तीनों प्राणायाम समाप्त हुए।
अभी व्यायाम करें [Best Yoga Exercises In Hindi]
आसन व प्राणायाम के बाद अब बारी आती है व्यायाम की जिसे अंग्रेजी में एक्सरसाइज कहते है। निम्नलिखित पैराग्राफ में, मैं आपको तीन बेस्ट
एक्सरसाइज बता रहा हूँ जिनको हर रोज सुबह जरूर करें। मैं खुद पिछले 3 सालों से कर रहा हूँ।
#1. दंड बैठक व्यायाम
यह बहुत शक्तिशाली व्यायाम है। दंड बैठक करने से गजब की ताकत मिलती है। दोनो हाथ की मूठी बंद करके हाथ आगे लाकर उठक > बैठक करनी है।
#2. पुशअप व्यायाम
Push Up Exercise तो युवाओं के बीच में काफी लोकप्रिय है। पुशअप करने से आपके कंधे, छाती और हाथ तीनो मजबूत होते हैं। इसकी कोई लिमिट नही है जितना चाहे उतना कर सकते हैं।
#3. प्रहलाद आसन व्यायाम
[नोट ] – आपको हाथ ऊपर करने है। इस महिला ने हाथ नीचे जोड़े है। मतलब हाथ ऊपर जोड़ने है।
जिस प्रकार प्रहलाद तपस्या करते थे उसी प्रकार करे। ये दोनों तरफ से करे। मतलब पहले बाए पैर से फिर दाए पैर से। प्रहलाद आसन व्यायाम से शरीर का संतुलन बना रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।
आज आपने yoga for beginners in hindi की एक आदर्श योग दिनचर्या के बारे में जानकारी प्राप्त की। इन योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। अपने सवाल/सुझाव/विचार नीचे ब्लॉग कॉमेंट बॉक्स में लिखे। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
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