Yagya in Hindi – यज्ञ (हवन) क्या है? और भारत में फ्री में हवन कैसे करे व सीखें?

बिना पंडित के हवन कैसे करें? (ghar mein havan kaise karen)

यज्ञ एक संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका हिंदी में अनुवाद यजन, हवन होता है। यज्ञ का मतलब, परिभाषा या अर्थ है – त्याग, बलिदान, संसार में मौजूद सभी जीव-जगत के प्राणियों, मनुष्यों व प्रकृति को अपनी दिव्य शक्ति से शुद्धिकरण करना तथा सबकी रक्षा करना। हवन, यज्ञ और यजन तीनो नाम अलग-अलग है लेकिन मतलब व अर्थ एक ही है। इसलिए इस पोस्ट को पढ़ते समय ध्यान रखें की मैं कभी हवन शब्द का प्रयोग करूँगा और कभी यज्ञ। यज्ञ के फायदे, प्रकार, विधि, हवन सामग्री इन सबके बारे में विस्तार से प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।


हवन करने के फायदे (havan benefits in hindi language)

ध्यान रखें सारे फायदे दो महीने लगातार व्यक्तिगत रूप से हवन करने के बाद यह फायदे बता रहा हूँ। इस पूरी पोस्ट को पढ़कर आप भी यज्ञ चिकित्सा का निशुल्क (free) में फायदा उठा सकते हैं।

  1. हवन करने से सभी पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों का कल्याण होता है।
  2. हवन करने से वातावरण शुद्ध होता है।
  3. पर्यावरण प्रदूषण कम होता है।
  4. मनुष्य की प्राणवायु (जीवनशक्ति) बढ़ती है।
  5. शरीर के मानसिक व शाररिक रोगों का नाश होता है।
  6. यज्ञ करते समय लंबी-लंबी गहरी सांस लेने से फेफड़े मजबूत होते हैं और सांस संबंधित बीमारियां दूर होती है। (ये ग्रेट लर्निग, मुझे पाटिया बाउजी ने दी थी जो की एक आध्यात्मिक संस्था में सेवा देते है)
  7. तनाव, चिंता, स्ट्रेस, डिप्रेशन, अवसाद व Anxiety पूरी तरह खत्म होती है।
  8. आपने पहली बार सुना होंगा की क्या यज्ञ भी एक चिकित्सा है? जी बिल्कुल नियमित अभ्यास से आप पुरानी से पुरानी बीमारी को यज्ञ चिकित्सा से ठीक कर सकते हो।
  9. हवन सामग्री के अंदर बहुत सारी ऐसी बहुमूल्य औषधियां डाली जाती है जिसके भाप को ग्रहण करने से या उसके स्पर्श मात्र से आपको फायदा मिलना शुरू हो जाता है।
  10. जब आप हवन करके “यज्ञ पांडाल” से बाहर निकलते हो तो आपके अंदर एक कमाल की सकारात्मक ऊर्जा होती है। आप अपने आप को एक शक्तिशाली व खुशनसीब इंसान मानते हो।


Yagya Quotes in Hindi (यज्ञ पर कोट्स)

 

जो व्यक्ति प्रतिदिन यज्ञ करता है वो सिर्फ अपना भला ना देखकर पूरे विश्व कल्याण के बारे में सोचता है।

 

आपके द्वारा हवन पर लगाए गए सुबह के बीस मिनट आपके दिन के शेष 23 घण्टे, 40 मिनट शांति व खुशी-खुशी से निकलते हैं।

 

यज्ञ करने का ठेका सिर्फ पंडितो ने नही ले रखा, भारतवर्ष का प्रत्येक व्यक्ति यज्ञ करने की विधि को सीखकर या पुस्तक पढ़कर हवन कर सकता है या करवा सकता है।

 

यज्ञ हर जाति, धर्म का व्यक्ति कर सकता है। यज्ञ भगवान किसी के साथ भेदभाव नही करते हैं।

 

ऋषि-मुनि, भारत के सभी अवतारी पुरूष ( रामजी, कृष्णजी) ये भी नियमित रूप से यज्ञ करते थे। यहाँ तक भारत के सभी शूरवीर योद्धा और राजा-महाराजा भी हवन करते थे।

 

यज्ञ कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Yagya in Hindi)

यज्ञ के अनेक प्रकार है। उनमें से सबसे बड़ा प्रकार अश्वमेध यज्ञ है। सबसे छोटा और सरल दिप यज्ञ व ‘बलिवैश्व यज्ञ’ है। आइए जानते सभी के बारे में संक्षेप में जानकारी।


#1. अश्वमेध यज्ञ – प्राचीन वैदिक काल का सबसे बड़ा यज्ञ। ऐसा माना जाता है जो व्यक्ति इस यज्ञ को सम्पन्न कर लेता है वो स्वर्ग, मोक्ष, धन, आदि सभी अच्छी चीजो को बहुत जल्दी दैवीय अनुग्रह से प्राप्त कर लेता है।

#2. गायत्री यज्ञ – वेद माता गायत्री की पूजा-अर्चना से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए।

#3. दिपयज्ञ – एक ही स्थान पर बहुत सारे दीपक जलाकर गायत्री मंत्र का उच्चारण करना।

#4. बलिवैश्व यज्ञ – भोजन करने से पहले पकाए गए भोजन को एक छोटे पात्र में आग लगाकर उसमें थोड़ा-थोड़ा भोजन अर्पित करना। और उस जले हुए भोजन को अपने पूरे भोजन में मिला देना (मिक्स कर देना) बलिवैश्व यज्ञ कहलाता है।

#5. देव यज्ञ – किसी भी विशेष देवता को समर्पित। जैसे – बारिश ना होने पर इंद्र देवता की पूजा करना।

#6. भूत यज्ञ – भोजन से पहले कुछ खाना कुत्ता, गाय व अन्य पशुओं के लिए रखना।

#7. पितृ यज्ञ – श्राद्ध तर्पण को ही पितृ यज्ञ कहा जाता है।

#7. अतिथि यज्ञ – जरूरतमंद लोगो की सेवा करना या घर में आए मेहमान की सेवा करने को
अतिथि यज्ञ कहते हैं।

#8. ब्रह्म यज्ञ – ब्रह्मयज्ञ का हिंदी में मतलब वेदों व धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना है।

How learn Yajna (Yagya) in india for free? निशुल्क हवन कहाँ पर करें?

दिल थामकर बैठना क्योंकी पूरे इंटरनेट पर आपको ऐसी जानकारी नहीं मिलेंगी। सच बात बोलू तो मुझे बचपन में ऐसा लगता था की यज्ञ तो सिर्फ किसी खास उत्सव या त्यौहार पर किया जाता होंगा। यही नही दूसरी अवधारणा मेरे दिमाग में यह भी थी की मध्यम वर्गीय लोग कभी हवन नही कर सकते हैं ये तो सिर्फ अमीर लोग ही कर सकते हैं। तीसरी एक गलत धारणा मेरे मन में यह थी, की यज्ञ करने के लिए वैदिक मंत्रों को उच्चारण करना सीखना जरूरी है। लेकिन आप बहुत भाग्यशाली है क्योंकी आपके ये सारे शंका आज दूर होने वाली है। इस जानकारी को प्राप्त करने के बाद आप प्रतिदिन हवन करने जायेगे क्योकी अब मैं आपको एक ऐसी जगह बताने जा रहा हूँ जो हर बड़े शहर में मौजूद हैं आप भारत के किसी भी राज्य के छोटे से छोटे गांव में भले क्यों न रहते हो, आप इस जगह का पता लगने के एक से दो घण्टे के भीतर पहुँच सकते हैं। सबसे अच्छी बात उसी शहर में अपना जॉब कीजिए या फिर बिजनेस कीजिए ताकी प्रतिदिन हवन करने के साथ आप वैदिक संस्कृति का आनंद भी ले पायें। चलिए अब इंतजार की घड़ी खत्म हुई। उस मुफ्त हवन स्थान का नाम है ” गायत्री शक्तिपीठ “ जो की अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की एक शाखा है। सबसे अच्छी बात इसको कैसे खोजे उसके बारे में यह पैराग्राफ खत्म होते ही शक्तिपीठ की पोस्ट यूआरएल मिलेंगी उस पर क्लिक करके सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारत में छोटे-बड़े शहर में लगभग 100 से 500 गायत्री शक्तिपीठो का निर्माण गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा  के सानिध्य में करवाया गया था। हर शक्तिपीठ में प्रतिदिन यज्ञ होता है जिसमें आप शामिल हो सकते हैं कोई पैसा देने की जरूरत नही, आप किसी भी जाति, धर्म के क्यों न हों, हर दिन यहाँ ‘आकर वैदिक यज्ञ’ का आनंद ले सकते हैं।

यह भी पढ़े –  अपने शहर की या फिर अपने राज्य की गायत्री शक्तिपीठ का पता कैसे ढूंढे?


बिना पंडित के घर पर ही हवन कैसे करे?

इसके लिए आप भारत की ऐसी किसी भी आध्यात्मिक संगठन या आश्रम से जुड़े जो इसका प्रशिक्षण देती हो। लेकिन सबसे अच्छी बात अब जमाना ऑनलाइन हो गया है। इसलिए आप Google Articles पढ़कर व YouTube Videos देखकर घर बैठे ही सीख सकते हैं।

गायत्री यज्ञ कैसे करें?

गायत्री यज्ञ करने के लिए सबसे पहले आपको एक छोटी सी पुस्तक खरीदनी पड़ेगी जिसमें सारी विधि और सम्पूर्ण मंत्रोच्चारण के बारे में जानकारी मिलेंगी। आपके शहर में किसी बुक स्टाल में मिल जाए तो ठीक वरना अपने शहर के नजदीकी गायत्री शक्तिपीठ या शांतिकुंज आश्रम से खरीद सकते हैं। इन दोनों टॉपिक की link इसी पोस्ट में दी हुई है। यहाँ पर ना मिले तो ब्लॉग के होमपेज में जाकर सर्च करे।

Yajana FAQ

प्रश्न.) यज्ञ को भगवान क्यों कहते?

उत्तर- जब आप किसी भी प्रकार का हवन करेगे तो पंडित या याचक (यज्ञ करने वाले लोग) यज्ञ भगवान की जय बोलते है। यह हिन्दू सनातन धर्म की विशेषता हैं की हम हर उस वस्तु को भगवान मानते हैं जो प्रकृति या मनुष्य को कुछ न कुछ देती है। ठीक उसी प्रकार यज्ञ भगवान हमें लंबी आयु और स्वास्थ्य देते हैं।

प्रश्न.) हवन सामग्री घर पर कैसे बनाए?

उत्तर- हवन सामग्री के अंदर देशी गाय का गोघृत (Ghee), भारतीय गाय का गोबर, पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, तिल, चावल, लौंग, गुग्गल तथा जौ। इसके अलावा एक सूखा नारियल (गोला) कलावा (हाथ में बांधने का डोरा) व हवन कुंड।

प्रश्न.) यज्ञ करते समय कौनसे मंत्र बोले?

उत्तर- आहूति देते समय - ।। ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।। इदं गायत्र्यै इदं न मम॥ पूर्णाहुति मंत्र - ओम पूर्णमद : पूर्णमिदम् पूर्णात पुण्य मुदज्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल बिसिस्यते स्वाहा। महामृत्युंजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

प्रश्न.) Hawan Kund Kya Hota Hai?

उत्तर- जिस पात्र में यज्ञ के लिए अग्नि प्रज्वलित की जाती है उसको हवन कुंड कहते हैं। सरल भाषा में जिस लोहे के, जमीन में गड्डा खोदकर जो पात्र बनाया जाता है उसे हवन कुंड कहते हैं।

प्रश्न.)Hawan (Yagya) Kab kare?

उत्तर- शास्त्रो में सुबह 5 से 6 बजे के बीच के समय को श्रेष्ठ समय बताया है। वैसे आप ब्रह्मामूर्हत में भी कर सकते हैं 

gayatri yagya benefits in hindi

गायत्री यज्ञ करने से शरीर का सम्पूर्ण आध्यात्मिक विकास होता है साथ ही आपके सभी मानसिक रोग भी दूर होते हैं। गायत्री हवन करने की एक विशेष विधि होती है जिसको आप  Internet के द्वारा ढूढ सकते हैं। सबसे अच्छी बात गायत्री हवन का आप यूट्यूब से ऑडियो क्लिप भी डाऊनलोड कर सकते हैं ताकि आप इसका पूरा अभ्यास कर सको। वो हवन विधि चलती रहेगी, आपको उसको सुनते हुए जो-जो Audio में बोले उसको करते जाना है। गायत्री यज्ञ करने से संसार के सभी शक्तिशाली देवतागण प्रसन्न होते हैं। अकाल की स्थिति खत्म होती है। यदि आप राजस्थान में रहते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है आप फिजिकली राजस्थान की गायत्री शक्तिपीठ में जाकर Gaytri Yagya Hawan कर सकते हैं।

आज आपने यज्ञ (हवन) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। अपने सवाल/सुझाव/विचार नीचे ब्लॉग कॉमेंट बॉक्स में लिखे। इस पोस्ट को सभी सनातनी, आर्य, हिन्दू धर्म के लोगो के साथ शेयर करे। और वैदिक संस्कृति का प्रचार करने में हमारी मदद करे।

 

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