गेहूं और चावल खाने के नुकसान और इनके विकल्प
चावल और गेहूं खाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ये बात 99% लोगो को हजम नही होंगी। क्योकी इस टॉपिक पर बहुत कम जानकारी पूरे इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसके अलावा विश्व की षड्यंत्रकारी ताकते ये कभी नहीं चाहती की ये जानकारी आप तक पहुँचे। गेंहू का आटा खाने के नुकसान, चावल खाने के नुकसान इन दोनों विषय पर वैज्ञानिक शोध और सारे सबूतों के साथ आपको जानकारी दी जायेगी। चलिए जानते हैं wheat is bad for health, rice disadvantages हिंदी भाषा में। सबसे अच्छी बात गेंहू और चावल को कैसे छोड़ना है, क्यों छोड़ना है, और इसके बदले क्या खाना है? तीनो विषय पर वैज्ञानिक रीसर्च के साथ जानकारी दी गई है। हमारी पोस्ट का पूरा श्रेय Food Scientist Dr. Khadar Vali और Doctor B.M. Hagde को जाता है।
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गेंहूँ खाने के नुकसान ( Wheat disadvantages in Hindi )
गेंहूँ का पूरा षड्यंत्र कॉरपोरेट कंपनियों ने रचाया है। और आज हालत यह है कि भारत के लोग पंच दाना (मक्का, बाजरा, जौ, रागी, कंबू) पशु-पक्षियों को खिलाते है और खुद गेंहूँ खाते हैं। खाद्य वैज्ञानिक (फ़ूड साइंटिस्ट) डॉक्टर खादर वली कहते है की आज का मनुष्य कितना मूर्ख हो गया है जो भगवान ने, प्रकृति ने, फ़ूड (मिलेट) बनाया वो नही खाते और गेंहूँ खाते हैं। दुःख की बात यह है की सारी फर्टीलाइजर कंपनियां, अंग्रेजी दवाई निर्माता एलोपैथी फार्मा ने पूरे खाद्य उद्योग (Food Industry) पर कब्जा कर दिया है। गेहूं से हमारा हार्मोन असंतुलित हो रहा है। इसके अलावा एक सवाल आपके दिमाग में चल रहा होंगा की हमारे पूर्वज (दादा-दादी, परदादा-परदादी) ये सब तो गेंहूँ ही खाते थे इनके तो कोई भी बीमारी नही थी! चलिए जानते है इस सवाल का सटीक जवाब। पहले के लोग गेंहूँ को जैविक खेती (गाय के गोबर व गोमूत्र पर आधारित) खेती करते थे। वे शत प्रतिशत रसायनिक खाद मुक्त खेती करते थे जिसके कारण उनको कोई बीमारी नही होती थी। दूसरा कारण गेंहू के अलावा वो साथ में बहुत सारी चीजें ताजी और शुद्ध खाते थे जिससे उनको गेंहू खाने का दुष्प्रभाव नही पड़ता था। आज वर्तमान इकीसवीं सदी की बात करें तो यहाँ पर शत प्रतिशत यूरिया खाद की खेती की जा रही है इस प्रकार की खेती में फसलों को बचाने के लिए हानिकारक यूरिया कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है की आज लोगो को गेंहू खाने से कैंसर हो रहा है, स्किन प्रॉब्लम (त्वचा रोग) हो रहे हैं। इस बात को सिद्ध करने के लिए अभी से एक काम करे आप एक महीने के लिए गेंहू छोड़कर दूसरे अनाज खाये आपके चेहरे पर गजब की सुंदरता आयेगी। डॉक्टर बीएम हेगड़े कहते हैं की भारत व पूरे विश्व में डायबिटीज होने के सभी कारणों में से गेंहूँ सबसे पहला कारण है। क्या मीडिया इस बात को कभी दिखाता है? बिल्कुल नही दिखाएगा क्योकी भारत के सभी टीवी चैनल और अखबार को कंट्रोल भी ये एलोपैथी फार्मा कंपनियां ही करती है। इसके अलावा गेंहूँ के आटे की रोटी खाने के बाद सिर्फ 10% शरीर में पचती है बाकी 90% मल के रूप में आप प्रतिदिन त्यागते है।
गेहूँ (Wheat) गेंहू के आटे के बारे में रिसर्च – कैप्टन अजीत वाडकायिल (CAPT VADAKAYIL ON WHEAT)
* Captain Ajit Vadakayil Ji, केरल से रिटायर्ड मर्चेंट नेवी ऑफिसर है भारत के केरल राज्य में रहकर दुनिया भर में चल रहे षड़यंत्र और साज़िशो का खुलासा करते हैं)*
🗣️ अपनी रसोई में जाओ और गेहूं का एक बड़ा चम्मच अपने मुँह में डालो। तब तक चबाते रहें जब तक आपके मुंह में च्यूइंग गम का एक टुकड़ा न आ जाए। यह बहुत मुलायम होता है, लेकिन बिल्कुल च्यूइंग गम जैसा होता है। यही अपराधी है. ग्लूटेन खाने से छोटी आंत की परत को अपरिवर्तनीय क्षति होती है। इसके परिणामस्वरूप प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है क्योंकि आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन अवशोषित नहीं हो पाते हैं।
🧐 नीचे ग्लूटेन के कुछ हानिकारक प्रभाव दिए गए हैं। 👁️🗨️
१. उदरीय सूजन, असामान्य मल
२. कब्ज़, पेट फूलना- पादते रहना
३. बिगड़ा हुआ विकास (मतलब शरीर का सम्पूर्ण विकास न होना)
४. व्यर्थ में शक्ति गंवाना,आक्रामक उग्ग्घ मल और सूक्ष्म ऐंठ।
५.भूख कम लगना या चिड़चिड़ापन
६. ख़राब मांसपेशी टोन (हाइपोटोनिया)
७. मूत्ररोग (Urine Problems)
८. बार-बार होने वाले मुँह के छाले
🤔 ग्लूटेन लसीका जल निकासी को प्रभावित करता है। पंजाबी और उत्तर भारतीय महिलाएं मूत्र संक्रमण और गर्भाशय फाइब्रॉएड का मतलब जानती हैं, है ना?
🤔 लेक्टिन शर्करा-बाध्यकारी प्रोटीन हैं। गेहूं के पौधों को उनके दुश्मनों से बचाने के लिए प्राकृतिक रूप से लेक्टिन का उत्पादन किया जाता है। लेक्टिन मोटापे को प्रेरित करता है। लेक्टिन मानव पाचन के लिए प्रतिरोधी हैं और वे रक्त में अपरिवर्तित प्रवेश करते हैं।
🤔 पंजाबी पुरुष आजकल जीएम गेहूं खाते हैं, जिसमें लेक्टिन की मात्रा अधिक होती है। इस मजबूत और अच्छी तरह से निर्मित दौड़ पर लेक्टिन का प्रभाव पहले से ही दिखाई दे रहा है। मुझे आशा है कि वे मेरी बात समझेंगे। GMO Food के बारे में केवल एक प्रतिशत लोगों को पता है।
😊 विकल्प :- भारत में 30 प्रकार से भी अधिक मोटे अनाज जिन्हें अंग्रेजी में मिलेट ग्रेन बोलते हैं (जैसे – बाजरा, मक्का, जौ, रागी, मण्डवा) पाए जाते हैं मौसम अनुसार इनकी रोटी बनाकर खाए। 🙏🏻
चावल खाने के नुकसान (rice disadvantages in hindi)
हम भारतीयों के शरीर की रचना थोड़ी अलग है यही कारण है की चावल खाने से लोग मोटे हो जाते हैं। इसके अलावा आज जो मार्केट में 60% लोग जो चावल खाते है वो पॉलिश किए हुए, रासायनिक खाद की खेती में उगे चावल खाते हैं जो शरीर में नाना प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है। आपको यह बात जानकर झटका लग सकता है की बहुत सी चीन की कंपनियां प्लास्टिक के भी चावल बनाती है हूबहू वैसे ही जेसे असली चावल होते हैं और उसको असली चावल के कट्टे में मिलाकर बेच दिया जाता है। हालांकि भारत में ऐसा नही होता है क्योकी यहाँ पर चावल की पैदावार सबसे अधिक है। दूसरी ये बात सही है की चावल की बहुत सारी वैरायटी आती है जैसे- भूरे चावल, बड़े चावल और अनपॉलिशड चावल। Unpolished Rice शरीर के लिए अच्छे है। लेकिन उपरोक्त दोनो कैटगरी के लोग गरीब व मध्यमवर्गीय लोग नही खरीद सकते हैं। गरीब जनता वो ही बाजार में मिलने वाले सस्ते पोलिश किए हुए, यूरिया खाद में उगे, 40 से 50 रुपये किलो के चावल खाती है और अपने शरीर को कमजोर करती है। चावल से हमारा हार्मोन इनबेलेन्स हो रहा है।
मिलेट क्या है और क्यों खाए? Millet Benefits In Hindi
गेंहूँ और चावल को छोड़कर बाकी भारत में जितने भी छोटे-मोटे प्रकार के अनाज पाए जाते हैं उन्हें मिलेट कहते हैं। हर राज्य में दो से तीन प्रकार के मिलेट की खेती की जाती है। जैसे राजस्थान में जौ, मक्का और बाजरा ये तीन किस्म के मिलेट लोग मौसम के अनुसार खाते हैं। यदि आप पांच प्रकार के मिलेट का आटा बनाकर उसको मिलाकर (मिक्स) करके खाते हैं तो यकीन मानिए ये आपके शरीर के लिए सबसे शक्तिशाली आहार साबित होगा। इस प्रकार के अनाज को मिक्स करके रोटी बनाकर खाने से आपको कभी डायबिटीज नही होंगा। अब आती है बात मिलेट क्यों खाना चाहिए? क्योकी ‘Millets flour’ में सबसे अधिक फाइबर होता है। मिलेट को पंचदाना भी बोलते हैं। इसके मिश्रण से आप स्वादिष्ट पराठा भी बना सकते हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें ‘मिलेट अनाज’ का पूरा फायदा उठाना है तो उसे हमेशा मिट्टी के बर्तन में पकाये। गांव के लोग कहते हैं की मक्की, बाजरा और अन्य अनाज गर्मियों में नही खाना चाहिए, वरना शरीर में गर्मी हो जायेगी, ये हो जायेगा वो जायेगा। इसका उत्तर यह है की जब आप लगातार मिलेट (पांच अनाजो से मिश्रित) अनाज को मिक्स करके खायेंगे तो आपका शरीर उस नए आहार को स्वीकार कर लेगा। मतलब ऐसा करने से आपका बॉडी नेगेटिव अनाज से पॉजिटिव अनाज को Accept कर लेंगा। फिर कोई दिक्कत नहीं आयेगी। शुरुआत में आप एकदम गेंहू को छोड़ेंगे तो तकलीफ आ सकती है। उससे घबराए नही। मेरा व्यक्तिगत अनुभव यह कहता है की जो इंसान कच्चा भोजन नही कर सकता उसके लिए पंचदाना (Panchdaana) मिलेट सबसे अच्छा भोजन है।
Wheat and Rice Alternative Indian Food
Hindi Name | English Name |
---|---|
मक्का | corn millet |
रागी | finger millet |
जौ | barley |
बाजरा | pearl millet |
ज्वार | sorghum |
झंगोरा | barnyard millet |
Barri | Proso or common millet |
Kangni | (foxtail/ Italian millet |
Kodra | Kodo millet |
What is Alternative to Wheat and Rice?
Millet grains, like pearl millet and sorghum, are gluten-free options that can be cooked similarly to rice. They are rich in fiber and have a mild, slightly sweet flavor.
ये सम्पूर्ण जानकारी भारत के जाने-माने पोषण वैज्ञानिक (Food Scientist) ने दी है जिनका नाम शुरुआत के पैराग्राफ में उल्लेखित है। इसलिए अभी इसका पालन करे। आज आपने Alternative to Wheat And Rice in Hindi और चावल और गेहूं खाने के नुकसान के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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